आयुर्वेद से होगा डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक कम खतरा

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नई दिल्ली। एक अध्यन में बताया गया कि आयुर्वेद की मदद से डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने एक ऐसी दवा विकसित करने का दावा किया है, जिसकी मदद से हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकेगा। यह दवा बीजीआर-34 है, जो मधुमेह रोगियों में हार्ट अटैक के खतरे को पचास फीसदी तक कम करने में सक्षम होगी। शोध के दौरान इस दवा के करीब 50 फीसदी सेवनकतार्ओं में ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार बीजीआर-34 मधुमेह रोगियों के लिए एक कारगर दवा के रूप में पहले से ही स्थापित है। मौजूदा एलोपैथी दवाएं शर्करा का स्तर तो कम करती हैं लेकिन इससे जुड़ी अन्य दिक्कतों को ठीक नहीं कर पाती हैं। बीजीआर में इन दिक्कतों को भी दूर करने के गुण देखे गए हैं। जर्नल के अनुसार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निदेर्शों के तहत एक अस्पताल में 64 मरीजों पर चार महीने तक इस दवा का परीक्षण किया गया है। इस दौरान दो किस्म के नतीजे सामने आए। 80 फीसदी मरीजों के शर्करा के स्तर में कमी दर्ज की गई। दवा शुरू करने से पहले शर्करा का औसत स्तर 196 (खाली पेट) था जो चार महीने बाद घटकर 129 एमजीडीएल रह गया। जबकि भोजन के बाद यह स्तर 276 से घटकर 191 एमजीडीएल रह गया। विशेषज्ञों का कहना है कि ये नतीजे अच्छे हैं लेकिन इस प्रकार के नतीजे कई एलोपैथिक दवाएं भी देती हैं।

रीसेंट पोस्ट्स

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