ननद भाभी संग लेती है 7 फेरे, बैंड-बाजे के साथ घर लाती अपने “ब्रदर की दुल्हन”

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हिमाचल : रीति रिवाजों का असली रूप अक्‍सर शादियों के मौके पर सामने आता है| कहीं, मामा भांजी से तो कहीं भाई की बहन से शादी कराई जाती है| कहीं सुहागिन महिलाएं कुंवारे लड़के को लाठियों से पीटती हैं| ऐसे ही भारत के एक पहाड़ी राज्‍य में बहन दूल्‍हा बनती है और बारात लेकर जाती है| इसके बाद शादी की सभी रस्‍में निभाकर भाई की दु‍ल्‍हनिया को ब्‍याह कर घर लाती है|

हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है| वहीं, हिमाचल के अनोखे रीति-रिवाज के तहत हिमाचल प्रदेश के जनजातीय इलाके लाहौल-स्पीति में बहन अपने भाई के लिए दूल्‍हा बनती है और बड़ी धूमधाम से बारात लेकर उसकी ससुराल जाती है| फिर दूल्‍हा बनी बहन ही भाभी के साथ 7 फेरे लेती है और भाभी को ब्‍याह कर घर ले आती है|

अब सवाल उठता है कि अगर किसी की बहन ही ना हो तो उसकी शादी कैसे होगी? लाहौल स्‍पीति की जनजातियों में परंपरा है कि अगर किसी लड़के की बहन ना हो तो उसका छोटा या बड़ा भाई दूल्‍हा बनता है और शादी की सभी रस्‍में निभाकर दुल्‍हन को घर लाता है| बताया जाता है कि इसकी शुरुआत सदियों पहले हुई थी| इसे लड़के के किसी वजह से शादी के दिन घर पर नहीं होने की स्थिति के लिए शुरू किया गया था, जो अब परंपरा बन चुकी है| अब बहन ही सिर पर सेहरा सजाकर दूल्‍हा बनती है और बैंड बाजे के साथ दुल्‍हन घर लेकर आती है|

देश में मां-बेटे के बाद सबसे पवित्र रिश्‍ता भाई-बहन का माना जाता है| फिर भी देश का एक हिस्सा ऐसा भी है, जहां भाई की बहन से ही शादी कराई जाती है| जी हां, आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में भाई की बहन से शादी की परंपरा है| राजस्थान के जोधपुर और इसके आसपास के इलाकों में कुंवारे लड़कों को लाठियों से पीटने का रिवाज है| इन्हें सुहागन महिलाएं पीटते हैं| अब इस परंपरा में विदेशी महिलाएं भी शामिल हो जाती हैं| महिलाएं पूरा श्रृंगार करके घरों से लाठियां लेकर निकलती हैं और लड़कों को पीटती हैं| माना जाता है कि पिटने वाले लड़कों की एक साल के भीतर शादी हो जाती है|

रीसेंट पोस्ट्स

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