थोक कपड़ा मार्केट में अनुबंध के तहत केबीएम ने नहीं किया विकास: होटल, गैरेज, जूस सेंटर, टी स्टाल पंप हाउस व कम्युनिटीहाल का कहीं कोई अतापता नहीं

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दुर्ग (चिन्तक)। पुलगांव चौक स्थित थोक कपड़ा मार्केट अनियनिमतताओं व गड़बड़ियों को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। अनुबंध के विपरीत निर्माण के साथ सुविधाओं का अभाव सहित दर्जनों कारण सामने आये हैं। मौजूदा परिस्थिति में मार्केट से व्यवसायी सबसे ज्यादा परेशान है। थोक कपड़ा मार्केट को बसाने में शामिल पार्टनरों की भूमिका संदिग्ध बतायी गयी है जिन्होने व्यसायियों को वहां आकर बसने के लिए कई लुभावने वायदे किए लेकिन व्यवसायी केवल समस्याओ से जूझ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार शहर की सकरी गली कूचो मेंं कपड़ों की दूकानों की वजह से व्यवसाय की प्रगति के लिए एक थोक कपड़ा मार्केट की जरूरत महसूस की जा रही थी। भीड़ भाड़ के क्षेत्र में क्रेताओं और व्यापारियों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। पुलगांव में एक सर्वसुविधा युक्त व्यवसायिक परिसर की परिकल्पना लेकर वर्ष 96-97 में के.बी.एम. डेवलपर्स सामने आया। के.बी.एम. डेवलपर्स द्वारा इसके लिए एक नक्शा तैयार किया गया और व्यापारियों को बताया गया कि यह सर्वसुविधायुक्त होगा। इसके विक्रय के लिए बकायदा अनुबंधित किया गया लेकिन अनुबंध के अनुसार विकास कार्य अभी तक नही किए गए है। परिणाम स्वरूप व्यवसायी परेशान और हताश है। इस मामले का एक दिलचस्प पहलू यह है कि अनुबंध के समय जो नक्शा दिखाया गया है इसके अनुसार विकास का कहीं अता पता नही है। बल्कि इसकी जगह दूसरा नक्शा पास होना दर्शाया गया है।

ये है केबीएम डेवलपर्स के पार्टनर
पुलगांव चौक पर थोक कपड़ा मार्केट का निर्माण केबीएम डेवलपर्स द्वारा किया गया है। आधारशिला रखने से लेकर निर्माण तक की कहानी बेहद दिलचस्प व चतुराई व चालाकी से ओतप्रोत है। इसका खुलासा सिलसिलेवार तरीके से होना है। लेकिन सबसे पहले इसके पार्टनरों की जानकारी जरूरी है। जानकारी के मुताबिक इनके पार्टनर बृजमोहन खंंडेलवाल, पन्नालाल जैन, वर्षा पारख, अशोक कुमार कोठारी, कंचन कोठारी, श्रीमती कुसुम बाई देशलहरा, गजेन्द्र जैन, गीता पारख व शुभम जैन शामिल है। इन पार्टनरो में पूरे कपड़ा मार्केट के निर्माण में अनिल देशहरा की भूमिका महत्वपूर्ण बतायी जा रही है जो कुसुम बाई देशलहरा के पुत्र हैं। अनुबंध के लिए नक्शे में फेरबदल के साथ रजिस्ट्री के कार्य में अनिल देशलहरा को सबसे बड़ा सूत्रधार बताया जा रहा है।

पहले दिखाए नक्शे में किया फेरबदल
के.बी.एम. डेवलपर्स द्वारा वर्ष 96-97 के अनुविभागीय अधिकारी दुर्ग के राजस्व प्रकरण 147/व 472 अ-2 में आवासीय हो चुकी भूमि खसरा नं. 198 को वर्ष 2004 में कृषि भूमि के आधार पर बैनामा पंजीयन कराया गया एवं पिछले दस वर्षों का आवासीय लगान भी जमा किया गया। इसके बाद 2004-05 में अधीक्षक भू अभिलेख परिवर्तित भूमि के राजस्व प्रकरण क्रमांक 93 अ-2 वर्ष 2004-05 एवं 94 अ-2 वर्ष 2004-05 प्रपत्र बी.के. द्वारा किया गया। उपरोक्त भूमि को के.बी.एम. डेवलपर्स के पार्टनरों ने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग दुर्ग में नया भूमि मानचित्र बनाकर पेश कर वाण्ज्यिक अनुमति पत्र क्रं. 4591/93 23/11/02 प्राप्त किया। व्यापारियों को इस संबंध मे पार्टनरों द्वारा यह बताया गया कि विभाग द्वारा दूसरा नक्शा स्वीकृत किया गया है। इसका शीघ्र ही संशोधित नक्शा पेश कर डेवलपमेंट किया जाएगा और शेष भूख्रंड पूरे कर दिए जाएंगे। अभी तक न ही संशोधित नक्शा पेश किया गया है और न ही अभी तक कोई डेवलपमेंट हुआ है। इस तरह पार्टनरों दरा पहले दिखाए गए नक्शे में फेरबदल किया गया।

देशलहरा उतोपिया में भी है पार्टनर


के.बी.एम. डेवलपर्स की पार्टनर कुसुम बाई देशलहरा के पुत्र अनिल देशलहरा पुलगांव व बाईपास रोड में निर्मित हो रही उतोपिया कालोनी में भी पार्टनर है। बताया गया है कि अनिल देशलहरा द्वारा उतोपिया में मकान खरीदने के लिए भी प्रलोभन दिया जा रहा है। लेकिन थोक कपड़ा मार्केट के निर्माण में की गई वादा खिलाफी के बाद इतोपिया मेंं जाने को लेकर इच्छुक लोग संशय में आ गए है।

अनुबंध के तहत नहीं हुए विकास
केबीएम डेवलपर्स द्वारा थोक कपड़ा मार्केट के निर्माण के समय विकास को लेकर अनुबंध किया गया था जिसके तहत कपड़ा मार्केट में लोकल गैरेज, होटल, स्टेशनरी, फोटो स्टेट टायपिंग, पंप हाउस सभागार (कम्युनिटीहाल) व इस पर चार कमरे व लेटरिंग बाथरूम का निर्माण किया जाना था। लेकिन वर्तमान में मार्केट इन सभी सुविधाओं से वंचित है। परिणाम स्वरूप क्रेता व व्यापारियों को भारी दिक्कत हो रही है।

दूसरे फेश के निर्माण पर लगे रोक
के.बी.एम. डेवलपर्स द्वारा प्रथम फेस 4591 निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। इसके दूसरे फेश 2671 में निर्माण करना है। चूंकि प्रथम फेश में विकास के कोई भी कार्य अनुबंध के तहत नही किए गए है इसलिए क्षेत्र के व्यापारी दूसरे फेश की अनुमति पर रोक लगाने की मांग कर रहे है। व्यापारियों का कहना है कि प्रथम फेश के पहले विकास कार्य को पूरा किया जाना चाहिए। इसके बाद ही दूसरे फेश के निर्माण की अनुमति मिलनी चाहिए।

निरस्त करने भेजा गया है प्रस्ताव-बड़गैय्या
नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारी विमल बड़गैय्या का कहना है कि थोक कपड़ा मार्केट में के.जे. ब्लाक की जमीन नहीं होने की शिकायत मिली है। इसे निरस्त करने का प्रस्ताव बनाकर डायरेक्टरेट में भेज दिया गया है।

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