हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: कलेक्टर-कमिश्नर को समझा दीजिए, आदेश का पालन न करने का असर क्या होता है, जानिए क्या है पूरा मामला ?

शेयर करें

ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सख्त टिप्पणी की है। न्यायालय ने कहा कि कलेक्टर-कमिश्नर साहब को समझा दीजिए, आदेश का पालन नहीं करने का असर क्या होता है। कचरा प्रबंधन पब्लिक इंटरेस्ट का मैटर है, इसलिए इसमें हीला हवाली ना करें।

दरअसल, ग्वालियर हाईकोर्ट में कचरा प्रबंधन की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने आदेश का पालन ना करने पर नाराजगी जताई है। कचरा प्रबंधन का रोड मेप तैयार करने के लिए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। जिस पर कलेक्टर-कमिश्नर ने अमल नहीं किया।

हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से कहा “कलेक्टर कमिश्नर साहब को समझा दीजिए जब हाईकोर्ट आदेश देता है तो उसका पालन ना करने का क्या असर होता है। कचरा प्रबंधन पब्लिक इंटरेस्ट का मैटर है, इसलिए इसमें हीला हवाली ना करें।”

न्यायालय ने कहा- उनसे बोल दीजिए अमल नहीं कर पाएंगे तो कोर्ट का ऑर्डर समझाने का और भी रास्ता है, जरा नगर निगम कमिश्नर को समझा दीजिए। इस तरह पैर पर पैर रखकर बैठना उचित नहीं। हमने इसे बहुत सीरियस मोड कर लिया है या ऑर्डर में भी लिखा है हमने। यह इन्फॉर्म करने वाली बात नहीं है, आप बता दो कि साहब हमारी बात नहीं सुन रहे हैं तो हमको रास्ता पता है कि कैसे बुलाना है उनको और कैसे काम कराना है उनसे। बता दें कि शहर से रोज साढे़ चार सौ मैट्रिक टन कचरा निकलता है। कचरा लैंडफिल साइट में सात लाख मैट्रिक टन कचरा जमा हो चुका है। कचरा प्रबंधन को लेकर सरिता सिंह तोमर ने जनहित याचिका लगाई थी। 2019 तक केदारपुर में लैंडफिल साइट तैयार करनी थी।

रीसेंट पोस्ट्स

You cannot copy content of this page