Live-in पर हाईकोर्ट की टिप्पणी: अलग होने के बाद महिलाओं के लिए अकेले रहना मुश्किल


इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने Live-in को लेकर अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि Live-in के खत्म होने के बाद महिला के लिए अकेले रह पाना मुश्किल है। हाईकोर्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर अभी भी भारतीय समाज इस तरह के रिश्तों को स्वीकार नहीं करता है। आदित्य राज वर्मा बनाम स्टेट केस में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की। हाईकोर्ट उस व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था जो अपनी Live-in Partner से शादी करने का वादा पूरा नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार है। जस्टिस सिद्धार्थ ने इस मामले में पुरुष को जमानत दे दी। साथ ही यह टिप्पणी की, ‘Live-in में रहने वाली महिला के पास ऐसी स्थिति में Live-in Partner के खिलाफ मामला दर्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।’

आखिर क्या है पूरा मामला
पूरा मामला यह है कि कपल एक साल से अधिक समय से Live-in में था। महिला की पहले किसी अन्य व्यक्ति से शादी हुई थी, जिससे उसके 2 बेटे हैं। बाद में वह Live-in में रहने लगी। इस दौरान आरोपी के साथ यौन संबंधों के कारण वह गर्भवती हो गई। हालांकि, आगे चलकर आरोपी ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, महिला ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके पूर्व पति को उसकी अश्लील तस्वीरें भेजीं। इन्हें देखने के बाद उसने उसके साथ रहने से मना कर दिया। इस आधार पर आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376 (बलात्कार) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत FIR दर्ज की गई थी।

‘शादी के वादे से नहीं हुई रिश्ते की शुरुआत’
वहीं, आरोपी के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि महिला बालिग है और वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ Live-in में रही। उन्होंने कहा कि इस तरह के रिश्ते का क्या नतीजा निकलेगा, वह इसे समझ सकती थी। ऐसा कोई आरोप नहीं है कि रिश्ते की शुरुआत शादी के वादे से हुई थी। यह भी तर्क दिया गया कि आरोपी को इस मामले में झूठा फंसाया गया है, जो कि पिछले साल 22 नवंबर से जेल में है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद व्यक्ति को जमानत दे दी।
