आयुष्मान कार्ड के नाम पर प्रदेश में चल रहा है बड़ा खेल: निजी अस्पतालों की प्रापर जांच नहीं होने की वजह से हो रहा आयुष्मान कार्ड का दुरूपयोग


दुर्ग। जिले के कई निजी अस्पतालों में फर्जी मरीजों से आयुष्मान कार्ड से क्लेम कर सरकार को चूना लगाने का काम चल रहा है। वहीं कई अस्पताल ऐसे भी हैं जहां आयुष्मान से उपचार के बाद भी मरीजों से नगद भुगतान करवाया जा रहा है। जानकारी के अभाव में कुछ ही लोग प्रशासन से शिकायत कर पाते हैं। दुर्ग जिले में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें मरीजों के परिजनों से आयुष्मान कार्ड से इलाज के बाद भी उनसे रुपये लिए गए। बताया जाता है कि दुर्ग जिले की निजी अस्पतालों की प्रापर चेकिंंग नहीं होने की वजह से गड़बड़ी निरंतर जारी है। सूत्रों ने बताया कि दुर्ग जिले की कई निजी अस्पतालों में फर्जी तरीके से आयुष्मान पैकेज के अंतर्गत क्लेम किया जा रहा है। वहीं बिना मरीज के आयुष्मान क्लेम, आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी लाखों रुपये की वसूली, कार्ड से इलाज ना करना जैसे मामले सामने आ रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए शासन ने अस्पतालों में आयुष्मान मित्र बिठा रखा है। इनके माध्यम से ही आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रियाएं पूरी की जा रही है। इसका पूरा काम ठेके के माध्यम से इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किया जाता है। अस्पतालों में आने वाले मरीजों को आयुष्मान के तहत इलाज कराने से पहले आयुष्मान मित्र के माध्यम से सरकारी प्रक्रिया पूरी होती है। इसके बाद शासन से अनुमति मिलने के बाद प्राइवेट अस्पताल इलाज करते हैं। सूत्रों की माने तो कार्ड बनाने के दौरान प्रशिक्षित एजेंटों के न बैठने के कारण कार्ड बनाने में कई तरह की गड़बड़िया सामने आ रही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ पैसे देकर किसी का नाम जुड़वाया या इलाज कराने का खेल किया जा रहा है। कूटरचित दस्तावेज व फर्जी मरीज दिखाकर क्लेम का भुगतान लेने की कोशिश की जा रही है।
40 निजी अस्पतालों को थमाया गया था नोटिस
राज्य के कई निजी अस्पतालों में फर्जी मरीजों से आयुष्मान कार्ड से क्लेम कर सरकार को चूना लगाने का बड़ा खेल चल रहा है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की नेशनल एंटी फ्राड यूनिट ने इस तरह की गड़बड़ी की आशंका स्वास्थ्य विभाग से जताई थी। आडिट टीम की जांच में आशंका सही निकली। राजधानी रायपुर के 23 समेत प्रदेश के सात जिलों के 40 निजी अस्पतालों को इस मामले में नोटिस दिया गया था। पिछले दिनों पांच निजी अस्पतालों पर कार्रवाई कर 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। वहीं चार निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना से निलंबित भी किया गया है।
