गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल के मुकाबले अधिक

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नई दिल्ली । कोरोना संकटकाल में आवागमन पर लागू पाबंदियों के बाद भी इस वर्ष गेहूं की सरकारी खरीद अब तक 3.415 करोड़ टन तक पहुंच गई है। यह पिछले साल के तीन करोड़ 41.3 लाख टन की खरीद से ज्यादा हो गया है। सरकार ने 2020-21 में 4.07 करोड़ टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। गेहूं की खरीद अप्रैल से जून के बीच चलती है। इस बाद पाबंदियों के चलते खरीद देरी से शुरू हुई। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य खरीद एजेंसियां, ​​न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद का कार्य करती हैं। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि चालू विपणन वर्ष में 24 मई तक कुल गेहूं खरीद तीन करोड़ 41.5 लाख टन हो गई है, जो पिछले साल की तीन करोड़ 41.3 लाख टन की खरीद से ज्यादा है। इसमें से पंजाब में एक करोड़ 25.8 लाख टन, मध्य प्रदेश में एक करोड़ 13.3 लाख टन, हरियाणा में 70.6 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 20.3 लाख टन, उत्तराखंड में 31,000 टन, गुजरात में 21,000 टन, चंडीगढ़ में 12,000 टन और हिमाचल में 3,000 टन गेहूं की खरीद हुई है। इस वर्ष 24 मार्च को लॉकडाउन कामकाज रुक गए। फसल तब तक पक चुकी थी और कटाई के लिए तैयार थी। पंजाब में खरीद केन्द्रों की संख्या 1,836 से बढ़कर 3,681, हरियाणा में 599 से बढ़ाकर 1,800 तथा मध्य प्रदेश में यह संख्या 3,545 से बढ़ाकर 4,494 रखी गई थी। पंजाब में प्रत्येक किसान को स्टॉक रखने के लिए निर्धारित विशिष्ट स्थान आवंटित किए गए थे और किसी और को उन क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। केवल वे लोग जो कारोबार से सीधे जुड़े हुए थे, उन्हें दैनिक नीलामी के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी गई थी।

रीसेंट पोस्ट्स

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