ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर टनल में घुसने की योजना बना रही एनडीआरएफ
उत्तराखंड :- ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से 175 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 31 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 2 की शिनाख्त हो गई है। सभी शव टनल से और आसपास के क्षेत्रों में नदियों के किनारे से मिले हैं। वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आज सुबह बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं, अभी टनल खुली नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक आज सारा मलबा साफ होने की उम्मीद है।
हैदराबाद की टीम रिमोट सेंसिंग उपकरण से कर रही लापता लोगों की तलाश
उत्तराखंड डीजीपी आशोक कुमार ने कहा कि हैदराबाद की टीम के पास एक रिमोट सेंसिंग उपकरण है जो जमीन में 500 मीटर तक गहरे मलबे का पता लगा सकता है। हम एक हेलीकॉप्टर की मदद से डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं।
A Hyderabad based team has got a remote sensing device that can detect debris up to 500 metres deep in the ground. We are using the device with the help of a chopper: Ashok Kumar, DGP #Uttarakhand pic.twitter.com/klnUYdQwq1
— ANI (@ANI) February 9, 2021
उत्तराखंड डीजीपी आशोक कुमार ने कहा कि हैदराबाद की टीम के पास एक रिमोट सेंसिंग उपकरण है जो जमीन में 500 मीटर तक गहरे मलबे का पता लगा सकता है। हम एक हेलीकॉप्टर की मदद से डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं। मलारी हाईवे पर पुल बह जाने के बाद 13 गांव अलग-थलग पड़े हैं। इन गांवों मे हेलीकॉप्टर के जरिए रसद पहुंचाई जा रही है। आईटीबीपी के करीब 50 जवान रसद पहुंचाने में लगे हुए हैं। टनल में अंधेरा और ऑक्सीजन की कमी के कारण एनडीआरएफ की टीम अब ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर टनल में घुसने की योजना बना रही है। साथ ही टनल में ड्रोन से भी खोजबीन कार्य किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्य सभा में अपने संबोधन के दौरान उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन से आई आपदा के राहत-बचाव कार्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां आपदा की स्थिति की निगरानी कर रही हैं। शाह ने कहा कि आईटीबीपी के 450 जवान, एनडीआरएफ की पांच टीमें, भारतीय सेना की आठ टीमें, एक नेवी टीम और वायु सेना के पांच हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
450 jawans of ITBP, 5 teams of NDRF, 8 teams of Indian Army, a Navy team and 5 IAF helicopters are engaged in search and rescue operation: Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha on Uttarakhand glacier disaster pic.twitter.com/opL8Ng6LIH
— ANI (@ANI) February 9, 2021
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों के शव बरामद हो चुके हैं। कुल शवों की संख्या अब तक 31 हो चुके हैं। फिलहाल 175 लोग लापता हैं। मंगलवार को अभी तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। आपदा में लापता हुए लोगों में से एक और व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है। अब आपदा में मृत हुए लोगों की संख्या 29 हो गई है। बता दें कि इससे पहले आज दो और शव बरामद किए गए थे।
Three more bodies recovered; the death toll in Uttarakhand glacier disaster reaches 29: Chamoli District Magistrate Swati S Bhadoria pic.twitter.com/jnrhUtDMaz
— ANI (@ANI) February 9, 2021
उत्तराखंड पुलिस ने ऋषिगंगा प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों की राज्यवार सूची जारी की है। बचाव और खोज अभियान लगातार जारी है। ऋषिगंगा में आए सैलाब के बाद शवों की ढूंढखोज जारी है। रेस्क्यू टीमों के साथ ही परिजन भी मलबे में अपनों की ढूंढखोज कर रहे हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बचाव दल रस्सी और आवश्यक पैकेज के माध्यम से मलारी घाटी क्षेत्र तक पहुंचने में कामयाब हो गया है, अब आसानी से वहां राशन भेजा जा सकता है। इससे पहले हेलीकॉप्टर के माध्यम से केवल सीमित स्टॉक की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन अब कोई समस्या नहीं होगी।
उत्तराखंड त्रासदी कोष में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने स्वैच्छिक कोष से 11 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। उत्तराखंड में दो दिन पहले जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने की वजह से हादसा हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार देवभूमि उत्तराखंड को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज मंगलवार को प्रभावित क्षेत्र से दो और शव बरामद हुए हैं। अब मृतकों की संख्या 28 हो गई है। अभी भी 178 लोग लापता हैं।