भारत में संभावित भूजल आर्सेनिक हॉटस्पॉट का वैज्ञानिकों ने लगाया पता

नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने भारत के कई हिस्सों में कुएं के पानी में उच्च आर्सेनिक स्तर का पता लगाया है। खास बात यह है कि इन इलाकों में पहले आर्सेनिक के खतरे को गंभीर चिंता का कारण नहीं माना गया।

शोधकर्ताओं ने बताया है कि कुएं से निकाले गए पीने के पानी में आर्सेनिक से दुनिया भर और खासकर भारत में कैंसर और हृदय रोग से असामयिक मौत सहित स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं होती हैं। हाल में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण और शहरी इलाकों में घरों में इस्तेमाल होने वाले भूजल से भारत में करोड़ों लोगों को खतरा है। शोधकर्ताओं में शामिल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, बिहार के वरिष्ठ वैज्ञानिक बिस्वजीत चक्रवर्ती ने भारत को आधार बनाकर एक पूर्वानुमान मॉडल तैयार किया है।

यह रिपोर्ट इनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुई है। इसके मुताबिक भूजल की गुणवत्ता की जांच को प्राथमिकता देने में मदद मिलेगी। इस शोध में उत्तर भारत की नदियों गंगा और ब्रह्मपुत्र की नदी घाटियों में आर्सेनिक की खतरनाक मात्रा पाए जाने की संभावना है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि भारत के उन हिस्सों में भी कुएं में खतरनाक मात्रा में आर्सेनिक पाए जाने की आशंका है, जहां पहले इसके खतरे को नजरअंदाज किया जा चुका है। इसलिए उन इलाकों में आर्सेनिक की नियमित जांच भी नहीं की गई। चक्रवर्ती ने कहा कि सर्व साधारण तक पहुंच वाले भारत-ब्रिटेन के इस अध्ययन से कुएं में खतरनाक आर्सेनिक के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।