मरवाही उपचुनाव: जोगी कांग्रेस ने दिया भाजपा को समर्थन, डॉ. रमन से मुलाकात के बाद धर्मजीत का ऐलान, कांग्रेस को हराने भाजपा-छजकां आए एक साथ

बिलासपुर। मरवाही उप-चुनाव का चुनाव प्रचार थमने के 48 घंटे पहले छत्तीसगढ़ जनता पार्टी (जे) के विधायक ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया है कि दोनों पार्टियां इस चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिये एक साथ आ गये हैं। इधर नवागांव की जनसभा में गुंडरदेही के पूर्व विधायक आर के राय ने भाजपा के मंच पर पहुंचकर पार्टी के इस फैसले को साफ कर दिया था।मरवाही में चुनाव प्रचार के लिये पूर्व सीएम पेन्ड्रा में है जहां नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी रुके हुए हैं- छजकां के लोरमी क्षेत्र से विधायक धर्मजीत सिंह ने वहां उनसे मुलाकात की और एक घंटे तक चर्चा की।

मुलाकात के बाद धर्मजीत सिंह ने कहा कि उनके साथ राजनीतिक चर्चा हुई है। इस लड़ाई (चुनाव) का सीधा मतलब है उस सरकार के खिलाफ वोट करना जिसने 1500 रुपये पेंशन की जगह गरीबों को टेंशन दिया। 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता की जगह नौजवानों को केवल धक्का दिया। शराबबंदी न कर प्रदेश को शराबमंडी बना दी, किसानों को बोनस देने की जगह बोगस बातें की, बिजली हाफ करने की जगह बिजली साफ कर दी। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र की हत्या और गुंडा राज के रोज नये कीर्तिमान यह सरकार बना रही है।डॉ. सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य स्व. अजीत जोगी को अपमानित करने वालों के खिलाफ जोगी परिवार को न्याय दिलाना है। हमारे दल अलग हैं लेकिन इस मुद्दे पर दिल अलग नहीं है। कोई कुछ बोले उसकी परवाह नहीं करता। छजकां न किसी की ए या बी टीम नहीं सी यानि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की लड़ाई लडऩे वाली टीम है।

 

अमित जोगी ने ये कहा है

कल देर रात मुझे मेरे विधायक दल के नेता धरमजीत सिंह और विधायक दल के सचिव राजेंद्र राय ने जानकारी दी कि उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी गम्भीर सिंह का समर्थन करने का निर्णय ले लिया है. प्रमोद शर्मा और अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता भी इस बात पर अपनी सहमति दे चुके हैं. मेरी भाजपा के किसी नेता से आज तक इस सम्बंध में सीधा संवाद नहीं हुआ है, पर मैं अपनी पार्टी के नेताओं की इस राय से पूर्ण रूप से सहमत हूँ.

मेरा अपना मानना है कि वैचारिक रूप से क्षेत्रीय दल और राष्ट्रीय दल में स्थायी समझौता सम्भव नहीं है बशर्ते कि राष्ट्रीय दल हमारी स्वराज की भावना का सम्मान करे. लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब कांग्रेस ने मेरे स्वर्गीय पिता अजीत जोगी के अपमान को अपने प्रचार का मुख्य केंद्र-बिंदु बना ही लिया है और मेरे परिवार को चुनाव के मैदान से छलपूर्वक बाहर कर दिया है, तो ऐसी परिस्थिति में मुझे मेरे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का निर्णय स्वाभाविक और सर्वमान्य लगता है. वैसे भी मुझे पूरी उम्मीद है कि ये उपचुनाव न्यायपालिका की चुनाव याचिका की कसौटी में स्वमेव एक साल के भीतर स्थगित हो जाएगा और मरवाही की जनता को अपनी इच्छा अनुसार विधायक चुनने का अवसर एक बार फिर ज़रूर मिलेगा.

ऐसे में आज मेरे सामने एक ही विकल्प है: मैं अपने स्वर्गीय पिता से स्वर्गवास के बाद उन्हें अपमानित कर रहे कांग्रेस के लोगों के विरुद्ध में वोट देने मरवाही के मेरे परिवार से हाथ जोड़के न्याय देने की अपील करता हूँ. पिता के मरणोपरांत उनका अपमान करने वाले कांग्रेसियों, जो ताउम्र उनके टुकड़े पर पले लेकिन उनके अहसान को उनके तेरवी के पहले ही सत्ता की लालच में भूल गए, को सबक़ सिखाने का इस से बेहतर मौक़ा नहीं मिलेगा.मैंने अपनी माँ और पार्टी की वर्तमान सुप्रीमो अजीत जोगी की विधवा और छत्तीसगढ़ के इतिहास की सबसे वरिष्ठ विधायक डॉक्टर रेनु जोगी से इस सम्बंध में चर्चा की है और वो इस बात से सहमत है. मेरे पिता के स्वर्गवास के बाद हमारी पार्टी- और परिवार- में उनका निर्णय अंतिम होता है.

इसीलिए मैं बड़ी सोच समझकर मरवाही की जनता से कांग्रेस के विरोध में वोट करने की अपील करता हूँ. कांग्रेस का जनता से लूटा पैसा, साड़ी, शॉल, बिछिया, दारू और 15000 प्रति वोट भले ही आप ले लें, लेकिन उनकी धमकी में न आएँ और वोट मेरे पिता को अपमानित करने वालों के ख़िलाफ़ ही दें. लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताक़त यही है की वोटिंग मशीन और आपके मतदान के बीच का रिश्ता सर्वथा गोपनीय रहेगा. इसमें किसी की तांक-झांक सम्भव नहीं है. कांग्रेस की एक बार फिर जमानत ज़ब्त कराना हमारा एकमात्र उद्देश होना चाहिए!सही मायने में यही मरवाही के कमिया अजीत जोगी का असली सम्मान होगा और छत्तीसगढ़ के नव-निर्माण में आपका किया मतदान पहला ठोस कदम होगा. एक बार फिर हमारे छत्तीसगढ़ की नियति और भविष्य मरवाही की जागरूक जनता के हाथों में हैं और मुझे पूरा विश्वास है की वो हमेशा की तरह मेरे परिवार के सम्मान की रक्षा करेंगे.

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