प्रसव के लिए लाई गई महिला की मौत पर कड़ी कार्रवाई की मांग, परिजनों ने शव लेने से किया इंकार

बालोद। यहां के जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रसव के लिए लाई गई गर्भवती महिला की मौत हो गई है। महिला की मौत पर जिला अस्पताल में परिजनों के साथ गांव के लोगों ने हंगामा कर दिया है। यहां तक की परिजनों ने शव लेने से भी इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि महिला के गर्भ में जुड़वा बच्चे हैं। परिजनों का आरोप है कि महिला की स्थिति बिगडऩे के बाद भी डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। मौके पर एसडीएम सिल्ली थॉमस, डीएसपी दिनेश सिन्हा व नायब तहसीलदार मनोज भारद्वाज पहुंचे और स्थिति को काबू में किया।
मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पारा गांव उमरा दाह की बिटान बाई देवांगन को प्रसव पीड़ा के बाद बीते शुक्रवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन दिन बाद आज सुबह 5 से 6 बजे के बीच महिला की मौत हो गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में बताया गया था कि गर्भ में 2 बच्चे हैं। महिला की मौत के साथ की गर्भ में पल रहे दोनों बच्चों की भी मौत हो गई है। अस्पताल की लापरवाही से नाराज परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। कुमेश्वर देवांगन का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने प्रसव में लापरवाही बरती है। प्रसव पीड़ा के दौरान उनकी पत्नी को भर्ती कराया गया था। स्थिति बिगड़ रही थी लेकिन डॉक्टरों ने ठीक से ध्यान नहीं दिया। जब हमने रिफर करने की बात कही तो डॉक्टरों ने हम पर जिम्मेदारी थोपने लगे कि अगर कुछ हुआ तो स्वयं जिम्मेदार होंगे।

एसडीएम ने पति को नौकरी का दिया आश्वासन

हंगामा कर रहे परिजनों सहित गांव के लोगों ने इस तरह की लापरवाही करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बीएल रात्रे ने कहा कि जांच के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। मौके पर पहुंची एसडीएम सिल्ली थॉमस को परिजनों ने बताया कि मृतक महिला कि पहले से तीन साल की बेटी है जिसकी जिम्मेदारी कुमेश्वर पर है। मौके की नजाकत को देखते हुए एएसडीएम ने कुमेश्वर देवांगन को प्लेसमेंट के जरिए नौकरी देने का आश्वासन दिया साथ ही उचित मुआवजा देने की बात कही।

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