राष्ट्रकवि गुप्त की पोती अभिजीता बनी सबसे कम उम्र की लेखिका, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका नाम

नई दिल्ली। राष्ट्रकवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त की सात साल की पोती अभिजीता गुप्त ने महज सात साल की उम्र में वह काम कर दिखाया है, जिसे करने में किसी व्यक्ति को कई साल लग जाते हैं। अभिजीता गुप्त ने किताब लिख डाली है। उसकी पहली किताब रिलीज हुई है, जिसका नाम है ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’।

दादा के अनूठे संस्कारों की छांव में पली-बढ़ी अभिजीता यह किताब लिखने के बाद सबसे कम उम्र की लेखिका बन गई है। उसका नाम अब तक एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। अभिजीता ने इस किताब को महज तीन महीने में लिख दिया था। किताब में उसकी उर्वर कल्पना स्पष्ट दिखती है।
पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट, मां इंजीनियर
अभिजीता अभी दूसरी कक्षा में पढ़ती है। पांच साल की उम्र से अभिजीता ने लिखना शुरू कर दिया था। अभिजीता अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहती हैं। उनके पिता चार्टर्ड अकाउंटेड हैं और मां इंजीनियर रही हैं। अभिजीता के माता-पिता का कहना है कि हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चों के नाम से उन्हें जाना जाए और हमें यह देखने को मिल गया।

पांच साल की उम्र में लिखी थी कहानी
बता दें कि अभिजीता राष्ट्रकवि स्वर्गीय मैथिलीशरण गुप्त की पोती हैं। जब वह महज पांच साल की थीं, तब अपने माता-पिता से लिखने के लिए कॉपी और पेंसिल मांगा करती थीं। अभिजीता ने अपनी पहली कहानी ‘द एलिफेंट एडवाइज’ लिखी थी, उनकी पहली कविता का नाम ‘ए सनी डे’ है।

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