उद्यानिकी फसलों में मौसम आधारित फसल बीमा कराने की अवधि 15 दिसम्बर तक

दुर्ग। राज्य शासन कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों में मौसम अधारित रबी मौसम में फसल बीमा कराने हेतु 15 दिसम्बर तक तय किया गया है। उद्यानिकी फसलों की खेेती कर रहे किसानों को विपरीत मौसम जैसे कम तापमान, अधिक तापमान, बीमारी अनुकूल मौसम, कीट व्याधियों का प्रकोप, लगातार अवर्षा की स्थिति निर्मित होना, ओला वृष्टि आदि होने वाले नुकसान से बचाने पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा लागू की गई है। रबी फसल 2020 में जिले के अंतर्गत बीमा कराने वाले कृषकों को अधिसूचित फसल के अनुसार निर्धारित कुल बीमित राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत अथवा वास्वतिक प्रीमियम जो भी कम हो राशि कृषक अंश के रूप में ऋणी एवं अऋणी दोनों प्रकार के कृषकों को जमा करने होंगे। अऋणी कृषक फसल लगाने का स्वघोषित प्रमाण पत्र, नक्शा खसरा, आधार कार्ड, अपने बैंक पासबुक की छायाप्रति जिसमें आईएफएससी कोड इत्यादि का उल्लेख हो जमा कर बीमा करा सकते हैं। योजना के अंतर्गत ऋणी कृषकों के लिए विकल्प चयन के आधार पर क्रियान्वित होगी। ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 07 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिए स्वीकृत व नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जाएगा। इस मामले में किसी भी प्रकार की त्रुटि संबंधित बैंक किसानों के स्वीकार्य दावों के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा।
ये फसलें होंगी बीमा के दायरे में- टमाटर और आलू के लिए बीमित राशि क्रमशः एक लाख रुपये और 5 प्रतिशत की प्रीमियम राशि के हिसाब से 5 हजार है। इसी प्रकार बैंगन और प्याज के लिए बीमित राशि क्रमशः 70 हजार रुपये है और 3 हजार 5 सौ रुपए प्रीमियम राशि है। फूलगोभी और पत्तागोभी की बीमित राशि क्रमशः 60 हजार रूपये है और 3 हजार रुपये प्रीमियम राशि है।
बीमा कराने हेतु अधिकृत संस्थाए हैं- च्वाइस सेंटर, बजाज अलियान्ज जनरल इन्शोरेन्स कम्पनी के प्रतिनिधी, लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति विकास खंड में स्थापित शासकीय उद्यान रोपणी।

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