कुर्मीगुंडरा की स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने किया स्वयं उत्पादन का निश्चय, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के सचिव ने सराहा
महिलाओं के लिए बढ़ते अवसर, सिकोला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना ने देखा स्व सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा मुर्गीपालन, कुर्मीगुंडरा में आस्ट्रेलियन प्रजाति के केंचुए पालन की गतिविधि देखी, पंचायत सचिव ने देखे पाटन ब्लाक में नवाचार, स्व सहायता समूहों की महिलाओं को किया प्रोत्साहित, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना ने पाटन ब्लाक में सिकोला और कुर्मीगुंडरा तथा अन्य गांवों में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन का किया निरीक्षण
दुर्ग। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना ने आज पाटन ब्लाक के सिकोला एवं कुर्मीगुंडरा तथा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही विभागीय गतिविधियों का निरीक्षण किया। प्रसन्ना पाटन ब्लाक के विभिन्न गौठानों में पहुंचे। यहां उन्होंने वर्मी कंपोस्ट बनने की प्रगति का निरीक्षण किया तथा साथ ही गौठानों में चल रही आजीविकामूलक गतिविधियों का निरीक्षण भी किया। प्रसन्ना ने इस मौके पर स्व सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा में कहा कि शासन की मंशा है कि गौठान आजीविकामूलक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित हों। शासन की नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना से इस विषय में नई संभावनाएं पैदा हुई हैं। कंपोस्ट खाद के अलावा गोबर से अनेक सामग्री तैयार की गईं जिसका बड़ा मार्केट दीवाली में दिखा। उन्होंने कहा कि गौठानों में कंपोस्ट के साथ ही स्थानीय जरूरतों के मुताबिक चीजें तैयार हों। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि कोशिश यह है कि महिलाओं के उत्पादों को बड़ा बाजार मिल सके। इसके लिए दीवाली में बिहान बाजार के माध्यम से अपने उत्पादों के विक्रय के लिए महिलाओं को अच्छा प्लेटफार्म दिया गया। सीमित समय के लिए लगे इस बिहान बाजार में महिलाओं ने सोलह लाख रुपए की सामग्री बेची।
कुर्मीगुंडरा में केंचुआ उत्पादन आरंभ किया- कुर्मीगुंडरा में गौठान में कार्य कर रही स्व सहायता समूहों की महिलाओं को वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए केंचुए की जरूरत थी। इसी तरह आसपास के गौठानों में भी केंचुए की जरूरत पड़ी। उन्हें लगा कि यहीं अगर केंचुए का उत्पादन आरंभ कर दिया जाए तो अपने गौठान में कंपोस्ट खाद बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर लेंगे और इसे विक्रय भी कर सकेंगे। बस इन्होंने आस्ट्रेलियन प्रजाति के केंचुए का पालन आरंभ कर दिया। अब केंचुए बन चुके हैं और इसके लिए ग्राहक भी तैयार कर लिये गए हैं।
सिकोला में मुर्गीपालन- सिकोला में गौठान के साथ ही पंचायत सचिव ने मुर्गीपालन शेड भी देखा। उन्होंने स्व सहायता समूहों की महिलाओं से बातचीत की। स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने बताया कि उन्हें चूजे पशुधन विकास विभाग द्वारा दिये गए हैं। अभी तीन सौ से अधिक चूजे हैं जो बड़े हो रहे हैं। लगभग तीन महीने में इनसे तीन गुनी कमाई हो पाएगी। सचिव ने कहा कि इसी तरह से गौठान में अधिकाधिक आजीविकामूलक गतिविधि आरंभ करना है जिससे गौठान आत्मनिर्भर हो पाएंगे और ग्रामीण विकास के प्रमुख स्तंभ बन पाएंगे।
कुर्मीगुंडरा में देखा नरवा, गजरा वाटरशेड भी देखा- पंचायत सचिव ने गजरा वाटरशेड भी देखा। यह वाटरशेड गजरा नाले के आसपास भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने के लिए तत्कालीन मंत्री श्री भूपेश बघेल ने बनाया था। इस वाटरशेड के माध्यम से क्षेत्र के जलस्तर में काफी बढ़ोत्तरी हुई। कुर्मीगुंडरा में उन्होंने नरवा प्रोजेक्ट पर चल रहा काम देखा। यहां उन्होंने कहा कि चैड़ाई के मुताबिक स्ट्रक्चर और बढ़ाएं ताकि अधिकाधिक भूमिगत जल का स्तर बढ़ सके।
नरवा योजना की सफलता संरचनाओं के निर्माण से नहीं, भूमिगत जल के बढ़ते स्तर से दिखेगी- सचिव ने कहा कि नरवा योजना की सफलता का मूल्यांकन इस बात से नहीं होगा कि कितनी संरचनाएं इसके अंतर्गत तैयार की गई। यह इससे होगा कि इन संरचनाओं के निर्माण से कितने रकबे की सिंचाई बढ़ पाई और भूमिगत जल के स्तर में कितनी वृद्धि हुई।