कृषि कानूनों के विरूद्ध किसानों के समर्थन में अन्ना का अनशन

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर जहां किसानों का प्रदर्शन जारी है, वहीं सरकार पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। इसका असर अब केंद्रीय मंत्रियों के बयानों में भी दिखना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा किसानों के समर्थन में अनशन शुरू करने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस बात को दोहराया है कि सरकार किसानों के लिए समर्पित है और उनके द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार करने के लिए भी तैयार है। कुछ तत्व ऐसे हैंए जो किसानों के प्रदर्शनों को हवा दे रहे हैं और उन्हें गुमराह करने में जुटे हुए हैं।अन्ना के अनशन की आशंका को लेकर गडकरी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि अन्ना हजारे जी इसमें शामिल होंगे। हमने किसानों के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं किया है। किसानों को मंडी में व्यापारियों को या कहीं भी बेचने का अधिकार दिया गया है।’

कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे
उन्होंने कहा, कुछ ऐसे तत्व हैं जो इस विरोध का दुरुपयोग करके किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। ये सरासर गलत है। किसानों को तीनों कानूनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ ऐसे तत्व से गडकरी का इशारा विपक्ष की तरफ था, जिसने किसानों को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं विदर्भ से आता हूं। यहां पर 10,000 से अधिक गरीब किसानों ने आत्महत्या की। इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। किसानों, किसान संगठनों द्वारा जो सुझाव सही हैं, हम उन बदलावों के लिए तैयार हैं। ‘

बातचीत नहीं होने से पैदा होंगी गलतफहमियां
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यदि किसानों और सरकार के बीच कोई बातचीत नहीं होती है, तो यह गलतफहमी पैदा कर सकती है। अगर बातचीत होती है तो मुद्दे हल हो जाएंगे, पूरी बात खत्म हो जाएगी, किसानों को न्याय मिलेगा और उन्हें राहत मिलेगी। हम किसानों के हित में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार किसानों को समझाएगी और बातचीत के जरिए रास्ता निकालेगी। ‘ उन्होंने कहा, ‘अभी, कृषि और वाणिज्य मंत्री किसानों के साथ बातचीत में लगे हुए हैं। अगर मुझे उनसे बात करने के लिए कहा जाता है, तो मैं उनसे बात जरूर करूंगा। ‘

किसानों की खातिर दो लाख करोड़ की इथेनाॅल अर्थव्यवस्था बनाएंगे
इथेनॉल के लाभ को बताते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा, आज देश में 8 लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल का आयात हो रहा है। इसके बजाय हम 2 लाख करोड़ रुपये की इथेनॉल अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वर्तमान में यह केवल 20,000 करोड़ रुपयेकी है। अगर यह 2 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बन जाती है तो 1 लाख करोड़ रुपये किसानों की जेब में जाएंगे। उन्होंने कहा, आने वाले समय में, हवाई जहाज इथेनॉल से बने ईंधन पर चलेंगे और पैसा किसानों को जाएगा। यह हमारी दृष्टि और सपना है।