सत्ता चलाने की संस्कृति बदली, जनभावनाओं को रखा सर्वोपरि

 

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले दो सालों प्रदेश की जनता की भावनाओं के अनुुरूप सत्ता चलाने की नई परंपरा देश के इतिहास में कायम की है। बड़ी सहजता और गंभीरता से प्रशासन से काम लेकर जनता के हित में ऐसे-ऐसे योजना लागू किए जो इतिहास में स्वर्णअक्षरों में दर्ज हो गया है। लोक सांस्कृतिक परंपरा, पर्व, तीज-त्योहार, लोककला को सहेजने और आम जनता को सीधे तौर पर सत्ता से जोड़कर एक अध्याय लिख दिया है। जिससे जनता के काम सहज तौर पर बिना किसी चक्कर और परेशानी के हो रहे है। जिस काम के लिए लोगों को 15 साल तक चक्कर काटना पड़ता था, उससे मुक्ति मिलने से जनता को खुशी साफ देखी जा सकती है। कांग्रेस की भूपेश सरकार को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने अनूठी योजनाओं को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए नवाजा गया। जो भूपेश सरकार की उपलब्धियों में चार चांद लगा रहे है। भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की आम जनता, किसानों, आदिवासियों और कमजोर तबकों का सशक्तीकरण कर देश में नया विकास का मॉडल प्रस्तुत कर दूसरे राज्यों को भी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना बनाने के लिए प्रेरित किया है। ताकि वे अपने राज्य के लघु किसानों के साथ ग्रामीण जनता को गांव में रोजगार मुहैया कर ग्रामीणों का जीवन स्तर उठाने मददगार साबित हो सकती है। दो वर्षों में जनता की भावनाओं, आकांक्षाओं, उम्मीदों को आत्मसात कर शासन और प्रशासन को समाधान के विषयों में संवेदनशील बनाने का भूपेश सरकार ने प्रयास किया। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देकर लोगों के मन में अपनी संस्कृति और अस्मिता का चाह और गौरव को जगाया। मुख्यमंत्री बघेल की सरकार ने दो वर्ष के कार्यकाल में किसानों के लिए कर्जमाफी, धान खरीदी, सुराजी गांव, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना जैसी अनेक योजनाएं लागू की, जिनसे गांवों को निरंतर आर्थिक संबल मिल रहा है। इसके साथ ही साथ राज्य सरकार की नीतियों का उद्योग और व्यापार जगत में भी सकारात्मक असर दिखा। जब पूरा देश कोरोना संकटकाल में मंदी से जूझ रहा था,तब सरकार ने अपनी नीति से छत्तीसगढ़ में आर्थिक मजबूती बढ़ाती रही जिसके कारण भूपेश सरकार की नीतियों से छत्तीसगढ़ आर्थिक मंदी छत्तीसगढ़ में पैर नहीं जमा सकी। मनरेगा, वनोपज खरीदी जैसी योजनाओं से बेरोजगारी की दर घटाकर दो प्रतिशत तक लाने का श्रेय छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को जाता है। औद्योगिक इकाईयों में भी 15 हजार करोड़ का पूंजी निवेश कराना देश की औद्योगिक सफलता का परिचायक है। जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। कृषि और वानिकी उपजों में वेल्यू-एडीशन के लिए शुरू किए गए प्रयासों से प्रदेश की समृद्घि के नए द्वार खुले। बघेल सरकार ने ऐसे इंतजाम किए कि छत्तीसगढ़ के लोगों के मन में अपनी परंपराओं, धरोहर,संस्कृति और अपनी अस्मिता को लेकर जो गौरव का भाव बढ़ाया वह सदियों तक याद किया जाएगा। जो राज्य बनने के 18 साल तक कमजोर पड़ा हुआ था, जिसे भूपेश सरकार ने समाज और संस्कृति-परंपरा से समन्वय बनाकर दृढ़ता के साथ पूरे छत्तीसगढ़ को नए उजाले के साथ भविष्य को सुरक्षित रखने का हौसला दिया है।
विकास माडल की मुख्य विशेषता मुख्यमंत्री ने आम जनता के सशक्तीकरण, किसानों, आदिवासियों और कमजोर तबकों को ताकत देने विकास माडल तैयार किया जो आज छत्तीसगढ़ को नई आशाओं का गढ़, देश का नया विश्वास जैसी इबारतों से नवाजा गया है, इसकी वजह भी प्रदेशवासियों की दृढ़ इच्छा शक्ति बढ़ी है। जो भरोसा भूपेश पर जताया था वह अक्षरश: सच साबित हुआ। 1887 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना मुख्यमंत्री बघेल सरकार ने पिछले दो वर्षों में 887 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की, जिसमें 15 हजार करोड़ का पूंजी निवेश और 15 हजार 400 लोगों को इन उद्योगों में रोजगार मिला जो आर्थिक मंदी काल में संजीवनी का काम किया। मनरेगा में 25 लाख से अधिक लोगों को हर रोज काम देने का राष्ट्रीय रिकार्ड भी भूपेश बघेल सरकार के खाते में है। बेरोजगारी दर 22 फीसद से घटाकर दो फीसद तक लाने का उदाहरण भी है। बूपेश सरकार की नई औद्योगिक नीति से आदिवासी अंचलों में भी तेजी से उद्योग लगे और क्षेत्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त हो, वहीं रोजगार के नए-नए अवसर बने जो ऐतिहासिकउपलब्धियों में शामिल है। छत्तीसगढ़ में चहुंचोर विकास की बयार बह रही है। जनता ने जिस विश्वास से 2018 में विधानसभा चुनाव में बारी भरकम बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ की सत्ता सौंपी, उस विश्वास को भूपेश सरकार ने कायम रखते हुए विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। भूपेश है तो भरोसा है, कि लोकोक्ति सच साबित हो रहा है। एक छत्तीसगढ़ी किसान पुत्र का मुख्यमंत्री बनना छत्तीसगढ़ को विकास की नई डगर की ओर ले जे रहा है। जो आने वाले सालों में एक खुशहाल समृद्ध छत्तीसगढ़ पूरे भारत में विकास का परचम लहराते नजर आने वाला है। यहीं भूपेश सरकार की 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मास्टर कार्ड होगा, जो विश्वास की मुहर बनकर दोबारा सत्ता में वापसी करेगी। भूपेश सरकार की तमाम योजनाएं जन सामान्य के साथ किसान, गरीब, मजदूर, कर्मचारी, अधिकारी, उद्योगपतियों के लिए अब तक सबसे ज्यादा राहत देने वाली सरकार साबित हो रही है।