किसान आंदोलन: कड़ाके की ठंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन 33 वे दिन भी जारी

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 33वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस बीच कई दौर की वार्ता के बाद मंगलवार को एक बार फिर किसान और केंद्र सरकार की बैठक होगी। इससे पहले किसान संगठनों ने रविवाल को ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं हरियाणा के सभी टोल फ्री करेंगे। वहीं पंजाब में किसानों ने 1411 मोबाइल टावरों के कनेक्शन भी काट दिए। आज भी किसान आंदोलन के चलते दिल्ली की कई सीमाएं और रास्ते बंद रहेंगे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को कहा, जिस तरह के शब्द सरकार किसानों के लिए इस्तेमाल कर रही है वह पाप है। सरकार किसानों के प्रति उत्तरदायी है। सरकार को उनकी सुननी चाहिए और ये कानून वापस लेना चाहिए। दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

सिंघु और औचंदी समेत ये बॉर्डर हैं बंद, ये रास्ते डायवर्ट
आज भी दिल्ली के सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद रहेंगे। इसलिए इन रास्तों से जाने वालों को लामपुर साफियाबाद, पल्ला और सिंघु टोल टैक्स बॉर्डर के वैकल्पिक मार्ग से जाने की सलाह दी गई है। मुकरबा और जीटी करनाल रोड से ट्रैफिक डायवर्ट है इसलिए आउटर रिंग रोड, जीटी करनाल रोड और एनएच 44 से न जाने की सलाह है।

किसान आंदोलन का 33वां दिन
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज 33वां दिन है। कंपा देने वाली ठंड में भी किसानों का हौंसला नहीं डिगा है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के दौरान थाली बजाने वाले किसानों का कहना है कि हम अपना आंदोलन तब तक नहीं खत्म करेंगे जब तक तीनों कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता और एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं दी जाती।