वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जिम्मेदारी लेने को फाइजर कंपनी नहीं है तैयार
नई दिल्ली। फाइजर वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसे हरी झंडी दे चुका है। लेकिन कई देशों से टीका लगाए जाने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट उभरने की खबरें भी मिली हैं।
लैटिन अमेरिकी देश पेरू और कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार करने वाली अमेरिकी कंपनी फाइजर के बीच टीके की खरीदारी को लेकर चल रही बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया है। गतिरोध का मुद्दा ऐसा है, जिसे लेकर सारी दुनिया में चिंता पैदा हुई है। पेरू ने कहा है कि फाइजर कंपनी ने टीका बेचने के लिए करार का जो दस्तावेज तैयार किया है, उसमें उसने लीगल इम्युनिटी (वैधानिक उन्मुक्ति) का प्रावधान शामिल किया है। इसके मुताबिक अगर टीके का कोई साइड इफेक्ट हुआ या उसकी वजह से किसी की जान गई, तो उसके लिए फाइजर पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकेगी। फाइजर कंपनी का टीका आने के साथ ही पेरू ने इस कंपनी के साथ वैक्सीन की खरीदारी को लेकर बातचीत शुरू कर दी थी। लेकिन देश की स्वास्थ्य मंत्री पिलार माजेती ने मंगलवार को पेरू की संसद में कहा- फाइजर के साथ समझौते के कुछ बिंदुओं पर हमारी सहमति नहीं है। इन बिंदुओं का संबंध कीमत और डिलीवरी शिड्यूल से भी है, लेकिन इसका संबंध कंपनी की तरफ से मांगी जा रही कुछ छूट से भी है। मसलन, कंपनी न्यायिक क्षेत्राधिकार संबंधी इम्युनिटी मांग रही है।
माजेती खुद एक फिजिशियन हैं। पेरू में स्वास्थ्य प्रशासन से वे लंबे समय से जुड़ी रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समझौते गोपनीय होते हैं। उन्होंने कहा कि इसी वजह से वे फाइजर के साथ खड़े हुए मतभेदों के बारे में ज्यादा जानकारी देने की स्थिति में नहीं है। गौरतलब है कि पेरू ने बीते नवंबर में फाइजर से एक करोड़ वैक्सीन खरीदने का एलान किया था। लेकिन जब पेरू सरकार के पास इससे संबंधित समझौते का प्रारूप कंपनी ने भेजा, तो बात अटक गई। पेरू के कई विधि विशेषज्ञों ने कहा है कि पेरू के कानून के तहत किसी कंपनी को ऐसी इम्युनिटी नहीं दी जा सकती। वैसे लीगल इम्युनिटी का मुद्दा सिर्फ पेरू ने नहीं उठाया है। इसके पहले ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो भी ये सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि यह साफ है कि फाइजर कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती। यानी अगर आप किसी साइड इफेक्ट से प्रभावित हुए, तो यह आपकी समस्या है। अर्जेंटीना के अधिकारियों ने भी ऐसी चिंताएं जताई हैं।
फाइजर के टीके को बहुत से देशों में मंजूरी मिल चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसे हरी झंडी दे चुका है। लेकिन कई देशों से टीका लगाए जाने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट उभरने की खबरें भी मिली हैं। इसी हफ्ते पुर्तगाल में एक व्यक्ति की टीका लगाए जाने के कुछ देर बाद मौत हो गई। नॉर्वे में टीका लगाने के कुछ दिन बाद एक व्यक्ति की मृत्यु होने की खबर आ चुकी है। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि क्या उन मौतों का टीके से कोई संबंध था। पेरू में कई दूसरी कंपनियों के टीकों का भी क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। इनमें चीन की कंपनी साइनोफार्म, ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका और अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के टीके शामिल हैं। लेकिन सबसे आगे बातचीत फाइजर कंपनी के साथ ही पहुंची थी, जिसमें अब लीगल इम्युनिटी के मुद्दे पर गतिरोध आ गया है।