किसानों ने दी सरकार को चेतावनी, 26 जनवरी को एक लाख ट्रैक्टर के साथ दिल्ली में करेंगे परेड

नई दिल्ली। आठवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद किसानों के तेवर तल्ख हो गए हैं। किसाने ने हुंकार भरी है कि वे कानूनों के खत्म हुए बगैर वापस नहीं जाएंगे और आंदोलन को तेज किया जाएगा। कड़ाके की ठंड के बीच भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।
इस बीच आंदोलन के 44वें दिन यूपी गेट पर देश खाप के चौधरी सुरेंद्र ने सरकार को चेतावनी दी। कहा कि यदि सरकार तीनों कानून वापस लेकर मांगों को नहीं मानती है तो फिर 26 जनवरी को दिल्ली में किसान एक लाख ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे। 26 की परेड में जवानों और किसानों को पूरा देश एक साथ देखेगा।
चौधरी सुरेंद्र ने कहा कि वह जिस खाप का नेतृत्व करते हैं, वहां पर शोषण का प्रवेश निषेद्य है। उन्होंने कहा कि सरकार जब अपनी जिद पर है तो किसान भी सड़कों पर आंदोलन में बैठा है। वहीं, देश खाप के चौ. जोगेंद्र सिंह सरकार को चेतावनी दी। कहा कि ट्रैक्टरों से परेड की तैयारी शुरू कर दी गई है। आंदोलन में पहुंचे खाप के थांबेदार रामकुमार ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को मानने में जितनी देर कर रही है, उसका उतना ही नुकसान होगा। आंदोलन पर बैठा किसान दो-तीन साल तक भी सड़क से नहीं उठेगा।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 26 जनवरी को दिल्ली में परेड के दौरान एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ बड़ी संख्या में किसान जवानों के साथ शामिल होगा। पूरा देश इस बार जवान और किसान की परेड देखेगा। भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च जैसा ट्रेलर पूरी दुनिया में कभी किसी ने नहीं देखा होगा। किसानों को पता चला गया है कि दिल्ली अब कब्जे में कैसे आएगी, दिल्ली की नस तो यह पेरिफेरल है और किसान ट्रेलर में यह सीख गया है कि जब भी सरकार की नब्ज दबानी होगी तो पेरिफेरल घेर लो।

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