50 मुर्गे मरे हुए मिले,विभाग के कर्मचारियों ने पीपीई किट पहनाकर किया डिस्पोज़
कोरिया । कोरोना वायरस महामारी से अभी राहत मिली नहीं थी कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसी बीच खबर है कि अब देश में तेजी से बर्ड फ्लू भी फैल रहा है। तेजी से फैल रहे इस फीवर को एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) के नाम से जाता है लेकिन सरल भाषा में इसे बर्ड फ्लू कहते हैं।
मनेन्द्रगढ़ से लगभग 6 किमी दूर तक़वा कोल्ड स्टोर के पास लगभग 50 मुर्गे मरे हुए मिले। इस घटना के बाद से जिले में बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही है। इस घटना की जानकारी प्रशासन को मिली तो उनके होश उड़ गए। तत्काल मरे मुर्गे को संबंधित विभाग के कर्मचारियों पीपीई किट पहनाकर उसे डिस्पोज़ किया गया। बर्ड फ्लू की पुष्टि के लिए सैम्पल रायपुर भेजा है। बताया जा रहा है कि अन्य राज्यों के ट्रांसपोर्टर द्वारा मुर्गे को वहां फेंका गया है। वहीं प्रशासन द्वारा कोरिया जिले से जुड़ी अन्य राज्य की सीमाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
मनेन्द्रगढ़ एसडीएम नयनतारा सिंह का कहना कि वेटनरी विभाग को इस मामले में कार्यवाही के लिए कहां गया है। बर्ड फ्लू की पुष्टि के लिए मुर्गे के सैंपल को रायपुर भेजा गया है। कोरबा के एसईसीएल कॉलोनी सुभाष ब्लॉक में रहने वाले बबलू मारवाह ने काफी समय से अपने घर में कबूतर पाल रखे हैं। इनकी संख्या वर्तमान में सैकड़ों में है। इसी में से 36 कबूतर बारी-बारी से मर गए। इससे वह सकते में आ गए हैं। इस बारे में बबलू ने पशु चिकित्सा विभाग को सूचित किया। वेटरनरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर सोहन सिंह गुर्जर और उनके सहयोगी मौके पर पहुंचे जरूरी जांच की। इसमें पाया गया कि कबूतरों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू जैसा लक्षण नहीं है और ना ही कोई कारण। सामान्य तौर पर बर्ड फ्लू में पक्षियों के आंख और नाक से पानी आने और मलद्वार में सूजन होने सहित पंखों के झड़ने की स्थिति निर्मित होती है। इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। विभाग ने माना कि विटामिन सी की कमी से 36 कबूतरों की मौत हुई है।