एयरो इंडिया शो के दौरान वायुसेना 83 एलसीए तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद पर लगा सकती है मुहर

114 लड़ाकू विमानों खरीद पर वायुसेना का पूरा ध्यान

नई दिल्ली:-  वायुसेना अब अपना ध्यान बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमानों के प्रोजेक्ट पर केंद्रित कर रही है। इसी के तहत उसकी योजना 1.30 लाख करोड़ की लागत से 114 युद्धक विमानों की खरीद की है। 3 से 5 फरवरी तक होने वाले एयरो इंडिया शो के दौरान वायुसेना 83 एलसीए तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद पर मुहर लगा सकती है।

इसमें स्वदेश निर्मित तेजस विमान भी शामिल, अमेरिका, स्वीडन, फ्रांस और रूस के विमान भी होड़ में  हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने 50000 करोड़ रुपये में 83 तेजस विमान खरीदने को अनुमति दी थी। ये विमान मिग-21 लड़ाकू विमानों के चार स्क्वॉड्रन की जगह लेंगे। वायुसेना पहले ही निविदा के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफार्मेशन या सूचना के लिए अनुरोध जारी कर चुकी है और जल्द ही इस प्रोजेक्ट के लिए रक्षा मंत्रालय के सामने एसेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (एओएन) या जरूरत की स्वीकृति पेश करेगी। इसके तहत बड़ी संख्या में 4.5 पीढ़ी से उन्नत विमानों को खरीदा जाएगा ताकि 36 राफेल विमानों की क्षमताओं से मेल खा सकें।

सूचना के लिए अनुरोध (रिक्वेस्ट फॉर इंफार्मेशन या आरएफआई) पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका, फ्रांस, रूस और स्वीडन की लड़ाकू विमान निर्माता कंपनियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। अमेरिकी कंपनियों ने एफ-15 स्ट्राइक ईंगल, एफ-18 सुपर हॉर्नेट और एफ-16 को एफ-21 के नाम से पेशकश की है। रूस मिग-35 और सुखोई विमानों का प्रस्ताव दे सकता है। वहीं स्वीडन की साब कंपनी ने ग्रिपेन लड़ाकू विमान की पेशकश की है। यह 2007 में वायुसेना को पेशकश किए गए विमान से ज्यादा उन्नत है। फ्रांस राफेल विमानों की निविदा देगा। हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने राफेल को 114 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमानों की खरीद दौड़ में अहम करार दिया था।

तेजस मार्क-2 अगले साल आएगा सामने 2023 में हाई स्पीड परीक्षण : आर माधवन
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा कि स्वदेश निर्मित बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान तेजस का और प्रभावी वर्जन अगले साल सामने आ सकता है। यह तेजस मार्क-2 ज्यादा शक्तिशाली इंजन, प्रभावी आयुध क्षमता, अगली पीढ़ी की इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली और कई श्रेष्ठ वैमानिकी प्रणालियां होंगी। साथ ही होने कहा कि इस लड़ाकू विमान का पहला हाई स्पीड परीक्षण 2023 में शुरू होगा।

माधवन ने कहा कि तेजस मार्क-2 के 2022 के अगस्त-सितंबर तक सामने आने की संभावना है और इसकी पहली उड़ान में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा कि विमान का पहला हाई स्पीड परीक्षण 2023 में शुरू होगा और हमें 2025 के आसपास तक उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है। तेजस मार्क-2 में लगाए जाने वाले हथियारों के बारे में उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि यह बाद में जरूरत और बदलती स्थिति के आधार पर तय किया जाएगा। तेजस एकल इंजन वाला दक्ष बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है जिसे एचएएल ने तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि तेजस मार्क-2 पर स्ट्रक्चरल पैकेज और अन्य संबंधित कार्य सही ढंग से जारी हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत वर्जन में बड़ा ढांचा, लंबी दूरी तय करने की क्षमता के साथ ही बेहतर रखरखाव होगा। इसके अलावा यह ज्यादा आयुध ले जाने में सक्षम होने के साथ ही अधिक मजबूत इंजन क्षमता और बेहतर नेट-केंद्रित युद्ध प्रणाली से लैस होगा।  रेंज और भार वहन क्षमता बढ़ने के साथ ही नया वर्जन तेजस मार्क-1 से अधिक शक्तिशाली होगा। वायुसेना 48000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत एचएएल से 83 तेजस मार्क-1 खरीद रही है। मोदी सरकार ने 13 जनवरी को इस करार को मंजूरी दी थी। भारत पांचवीं पीढ़ी के मध्यम भारी डीप पेनेट्रेशन लड़ाकू विमान पर काम कर रहा है और इस प्रोजेक्ट पर करीब 5 बिलियन डॉलर की लागत आएगी। इस विमान का प्रोटोटाइप 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है और इसका उत्पादन 2030 तक शुरू हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रोजेक्ट टाइमलाइन पर काम कर रहा है। यह अभी शुरुआती डिजाइन चरण में है।

 

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