शबनम ने महिला बंदियों और जेल कर्मचारियों से बात करना किया बंद, खाना-पीना भी छोड़ा
मथुरा। माता-पिता समेत परिवार के सात लोगों की हत्या की खूनी दास्तां लिखने वाली यूपी के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी नरसंहार की खलनायिका शबनम को मथुरा जेल में फांसी देने की तैयारी चल रही हैं। हालांकि इस संबंध में जेल प्रशासन को अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन बक्सर जेल से रस्सी का एस्टीमेट मांगा गया है। वहीं, शबनम को मथुरा जेल में फांसी दिए जाने का पता चल चुका है। शबनम ने महिला बंदियों और जेल कर्मचारियों से बातचीत करना बंद कर दिया है। वह जेल में अक्सर छुप-छुपकर रोती रहती है। खाने-पीने में भी अब उसका मन नहीं लगता है।
आपको बता दें कि शबनम का डेथ वारंट मंगलवार को जारी नहीं हो सका है। राज्यपाल को पुन: विचारण दया याचिका भेजे जाने के कारण डेथ वारंट जारी होने की प्रक्रिया रुक गई है। जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) ने बताया कि राज्यपाल को भेजी गई पुन: विचारण दया याचिका का नतीजा सामने आने के बाद ही इस मामले में अगला निर्णय लिया जा सकेगा। फिलहाल डेथ वारंट होल्ड किया गया है।
गौरतलब है कि अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम पर 14/15 अप्रैल 2008 की रात को अपने ही परिवार के सात लोगों की जघन्य हत्या करने का आरोप है। जिसे लेकर जिला जज अमरोहा ने सजा-ए-मौत का निर्णय दिया था। इसी निर्णय को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अलावा यहां तक कि राष्ट्रपति भी दया याचिका को अस्वीकार कर चुके हैं। डेथ वारंट की प्रक्रिया जिला जज की अदालत में शुरू हो इससे पहले उसकी ओर से पैरवी करते हुए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के अधिवक्ताओं ने एक और दया याचिका राष्ट्रपति के नाम तैयार की है। जिसमें उन्होंने मौत की सजा पर पुन:विचार करने की प्रार्थना की है।
छुप-छुपकर रोती है शबनम
जेल प्रशासन अब तक दावा कर रहा था कि शबनम को मथुरा जेल के उसकी फांसी तैयारी किए जाने के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उसे अब सब कुछ पता चल चुका है। जेल के सूत्रों की माने तो शबनम ने अब महिला बंदियों और जेल कर्मचारियों से बातचीत करना बंद कर दिया है। वह जेल में अक्सर छुप-छुपकर रोती रहती है। खाने-पीने में भी अब उसका मन नहीं लगता है।
बेटे से मिली थी शबनम
आपको बता दें कि शबनम ने रविवार को रामपुर जेल में अपने बेटे से मुलाकात की। रविवार को शबनम का बेटा लालन-पालन करने वालों के साथ अपनी मां से मिलने रामपुर की जेल पहुंचा था। दोपहर लगभग 12.10 बजे वह जेल से अंदर गया और लगभग 1.15 पर बाहर आया। लगभग एक घंटे तक मां-बेटे के बीच मुलाकात हुई। अपने बेटे को देखकर शबनम ने उसे गले लगा लिया और फूट-फूटकर रोई। उसने अपने बेटे को मन लगाकर पढ़ाई करने की नसीहत दी। लगभग एक घंटे के बाद शबनम का बेटा जेल से बाहर आया तो उसकी आंखों में आंसू थे। वह अपनी इस मुलाकात के बाद कुछ बताना नहीं चाह रहा था।
राष्ट्रपति अंकल मेरी मम्मा को माफ कर दो
रामपुर जिला कारागार से बाहर आने के बाद शबनम के बेटे ने कहा कि उसने राष्ट्रपति से अपनी मां की सजा माफ करने की गुहार लगा रखी है। प्रेसिडेंट अंकल से कहा है कि मेरी मम्मा जी की सजा माफ कर दी जाए। शबनम के बेटे ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति एक बच्चे की गुहार जरूर सुनेंगे और उसकी मां की सजा को माफ कर देंगे। अपनी मां से हुई मुलाकात के बारे में उसने कहा कि मम्मा ने कहा है कि मन लगाकर पढ़ना, अच्छे से रहना। यह बताते हुए शबनम के बेटे की आंखों में आंसू थे।
पूरा मामला
14/15 अप्रैल 2008 की रात अमरोहा जनपद के हसनपुर थानाक्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मास्टर शौकत अली की बेटी शबनम ने अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। हत्या का शिकार होने वालों में शबनम के पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया थे, जिनके गले कुल्हाड़ी से काटे गए थे, जबकि शबनम के मासूम भतीजे अर्श की गला दबाकर हत्या की गई थी।
रविवार को शबनम का बेटा लालन-पालन करने वालों के साथ अपनी मां से मिलने रामपुर की जेल पहुंचा था। दोपहर लगभग 12.10 बजे वह जेल से अंदर गया और लगभग 1.15 पर बाहर आया। लगभग एक घंटे तक मां-बेटे के बीच मुलाकात हुई।