मौत से जूझ रही दुष्कर्म पीड़िता ने बताया आप बीती, खेत में लोटकर बुझाई आग

shahjahanpur

उत्तर प्रदेश । शाहजहांपुर के नगरिया मोड़ पर कपडों के बगैर अधजली मिली एसएस कॉलेज की छात्रा और परिजन के बयान के बाद यह साफ हो रहा है कि दरिंदे गैंगरेप के बाद छात्रा को जलाकर मारने की तैयारी से आए थे। लखनऊ के सिविल अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही छात्रा के पिता का कहना है कि बेटी की सहेली ने ही पूरा षड्यंत्र रचा है। उसने ही साजिश रचकर बेटी को कॉलेज के बाहर भेजा। युवकों से मिलवाया, जिन्होंने उसके साथ हैवानियत की।

पिता का कहना है कि छात्रा कभी-कभी कॉलेज आती थी। उसकी सहेली से भी कोई खास दोस्ती नहीं थी। कक्षा में आने पर ही मिलना होता था। सहेली कभी उनके घर नहीं आई और न बेटी उसके घर गई। कुछ दिन पहले बेटी से सहेली ने फाइल मांगी थी जिसे देने से उसने मना कर दिया था। इस बात से वह खुन्नस खाए हुए थी। बेटी को अगर अंदाजा होता कि कॉलेज से निकलने के बाद उसके साथ इतना बुरा हो सकता है तो वह कभी सहेली के कहने पर बाहर न जाती। उन्होंने बताया कि बेटी पढ़ने में होशियार है। इसीलिए वह 30-35 किलोमीटर दूर से उसे लेकर कॉलेज आते थे। लेकिन हादसे ने सबकुछ बदल दिया।

छात्रा ने अपने पिता को बताया कि आग लगने पर उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए। जलन और आग खत्म न होने पर वह बगल के गेहूं के खेत में दौड़कर गई और वहां पर लोट-लोटकर अपनी जलन खत्म करने की कोशिश करने लगी। तेज दर्द से वह बेहोश हो गई। बाद में उसे होश आया तो वह शाम करीब छह बजे उठकर सड़क के पास आई। यहां पर एक बच्चे से उसने मदद मांगी। बच्चा अन्य ग्रामीणों को लेकर आ गया। तिलहर पुलिस मौके पर पहुंची और करीब डेढ़ घंटे तक 108 एंबुलेंस के इंतजार के बाद डायल-112 वाहन से लेकर उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां से हालत गंभीर होने पर रात 12 बजे के बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया।

 

घटनास्थल

सहेली के साथ डैम रोड पर गई थी छात्रा
छात्रा अपनी चाची से काफी करीब है। उसने अपने साथ घटी पूरी वारदात के बारे में चाची को बताया। चाची ने बताया कि बेटी सहेली के साथ डैम रोड पर गई थी। सहेली रास्ते में गायब हो गई। इस बीच वहां पर उसे तीन युवक दो बाइक के साथ मिले थे। इनमें से एक उसका सहपाठी और सहेली की बड़ी बहन का देवर मनीष था।

उससे बातचीत के दौरान उसे नशा सुंघाकर युवक बाइक पर बैठाकर नगरिया मोड़ के पास राईखुर्द गांव के समीप गन्ने के खेत में ले गए। यहां पर युवकों ने उससे जबरदस्ती करने की कोशिश की तो उसने जमकर विरोध किया। इस पर युवकों ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। लपटें उठती देखकर वे वहां से चले गए। छात्रा ने किसी तरह आग बुझाई। काफी देर बेहोश रहने के बाद उसने होश आने पर ग्रामीणों की मदद मांगी, तब पुलिस ने उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।

छात्रा, उसकी सहेली और सहेली की बड़ी बहन का देवर एसएस कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष में ही पढ़ते थे। तीनों के विषय कुछ अलग थे। छात्रा और सहेली के दो विषय हिन्दी भाषा और होम साइंस एक थे। सहेली का देवर हिन्दी भाषा का छात्र था। तीनों की मुलाकात कभी-कभी हिन्दी भाषा की कक्षा में होती थी। यहीं पढ़ते समय छात्रा का सहेली से संबंध बढ़ा था।

सिविल अस्पताल में भर्ती छात्रा की हालत बुधवार को भी स्थिर बनी रही। छात्रा का ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया गया है। सिविल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि छात्रा अभी कुछ ढंग से बोल नहीं पा रही है। बुधवार को उसकी मां के जरिये बातचीत कराने की कोशिश की गई तो वह कुछ बोलने बाद शांत हो गई। उन्होंने बताया कि छात्रा की हालत स्थिर बनी हुई है। उसके लिए पांच दिन अहम हैं। संक्रमण से बचाने के लिए बाहर से आ रहे रिश्तेदारों से मिलने से भी रोका जा रहा है। वहीं डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ लगातार उसकी सेहत पर नजर बनाए रखने संग दवाएं जारी रखे हुए हैं।

 

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