निर्वाचन आयोग ने की 5 राज्यो में चुनाव की घोषणा

नई दिल्ली :- देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया जा रहा है। इसे लेकर चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता हो रही है। बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं।पांच राज्यों में से एक असम में भाजपा की सरकार है। वहीं पुडुचेरी में पिछले हफ्ते कांग्रेस की सरकार गिरने से वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। सभी राज्यों में चुनाव की मतगणना एक साथ दो मई को होगी।

 

चुनाव आयोग ने चार राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु) और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ ने बताया कि केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में सभी सीटों पर एक ही चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा। असम में तीन चरणों में मतदान होगा। यहां पहला चरण 27 मार्च, दूसरा एक अप्रैल और तीसरा छह अप्रैल को होगा। पश्चिम बंगाल में इस बार आठ चरणों में मतदान होगा। यहां पहला चरण 27 मार्च को, दूसरा एक अप्रैल, तीसरा छह अप्रैल, चौथा 10 अप्रैल, पांचवां 17 अप्रैल, छठा 22 अप्रैल, सातवां 26 अप्रैल और सातवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। चारों राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में मतगणना एक साथ दो मई को होगी।

 

बंगाल में आठ चरणों में होगा विधानसभा चुनाव

पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होगा। पिछले विधानसभा में सात चरण थे। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर होगा। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर होगा। तीसरे चरण का चुनाव छह अप्रैल को 31 विधानसभा सीटों पर होगा। चौथे चरण का मतदान 10 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। पांचवें चरण का मतदान 17 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। छठे चरण में 22 अप्रैल को 43 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 विधानसभा सीटों पर और अंतिम व आठवें चरण में 29 अप्रैल को 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।

केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को सभी सीटों पर चुनाव होंगे। केरल की छह खाली संसदीय सीटों पर चुनाव भी छह अप्रैल को आयोजित कराया जाएगा।

असम में तीन चरणों में होगा चुनाव
असम में तीन चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। नामांकन की अंतिम तारीख नौ मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 10 मार्च रहेगी। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को 39 सीटों पर होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 12 मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 17 मार्च रखी गई है। तीसरे चरण में छह अप्रैल को 40 सीटों पर मतदान होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 19 मार्च और नामांकन वापसी 22 मार्च तक होगी।

तारीखें घोषित होते ही लागू होगी आदर्श आचार संहिता
अरोड़ा ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ यहां आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू हो जाएगी।

 

बढ़ाई गई है मतदान केंद्रों की संख्या
अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी राज्यों में लगभग 30 फीसदी मतदान केंद्र बढ़ा दिए गए हैं। चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। संवेदनशील केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।

सभी चुनाव अधिकारियों को लगेगी वैक्सीन
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि सभी चुनाव अधिकारियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग के अधिकारियों को चुनाव से पहले वैक्सीन लगाई जाएगी और इस दौरान कोरोना दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।

मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा, डोर-टू-डोर प्रचार की इजाजत
सुनील अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। लेकिन, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी।

मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा, डोर-टू-डोर प्रचार की इजाजत
सुनील अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। लेकिन, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी।

सीएपीएफ बल की होगी तैनाती
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान पर्याप्त सीएपीएफ बल तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। सभी महत्वपूर्ण, संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की गई है और पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ की तैनाती की जाएगी।

कहां कितनी सीटें, आरक्षण की स्थिति
सुनील अरोड़ा ने कहा कि असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। यहां 126 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए आठ, अनुसूचित जनजाति के लिए 16 सीटें हैं। बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को समाप्त होगा। यहां 294 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति की 68 और अनुसूचित जनजाति की 16 सीट हैं। पुडुचेरी में 140 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति की 30 और अनुसूचित जनजाति की पांच सीट हैं। वहीं, केरल विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा होगा। यहां की 140 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति की 14 और अनुसूचित जनजाति की दो सीट हैं। 234 सीट वाली तमिलनाडु विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को पूरा होगा। इसमें अनुसूचित जाति की 44 और अनुसूचित जनजाति की दो सीट हैं।

2.7 लाख केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग करेंगे मतदान
अरोड़ा ने कहा कि इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

महामारी के बीच चुनाव के लिए कराए ट्रायल
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर चुनाव के लिए ट्रायल शुरू किए थे। इसके बाद बिहार चुनाव की चुनौती आई, यह ईसीआई के लिए यह एक शानदार क्षण था। यह एक लिटमस टेस्ट की तरह सिद्ध हुआ।

कोरोना योद्धाओं को अरोड़ा ने धन्यवाद कहा
सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोविड योद्धाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिक्स, नर्सों, वैज्ञानिकों और हमारे सभी अधिकारी जो चुनावी ड्यूटी में अग्रिम पंक्ति में तैनात थे, हम उन्हें धन्यवाद कहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव को सफलतापूर्वक सुनिश्चित कराने में इनका अहम योगदान रहा।

मतदाताओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस चुनौती के बीच चुनावों के लिए हमने मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए हैं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

पुडुचेरी की दलीय स्थिति, एक ही चरण में चुनाव होने की संभावना
पुडुचेरी में पिछले हफ्ते कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इससे पहले यहां वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन की सरकार थी। इस केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में 30 सदस्य निर्वाचित होते हैं जबकि तीन नामित किए जाते हैं। विधानसभा भंग होने से पहले यहां कांग्रेस के 15 विधायक थे। वहीं आल इंडिया एनआर कांग्रेस के पास आठ, एआईएडीएमके के पास चार और अन्नाद्रमुक के पास चार सीटें थी। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। माना जा रहा है कि पुडुचेरी में एक ही चरण प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। हालांकि पांचों राज्यों की मतगणना एक ही दिन की जाएगी। इस साल चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं, इसलिए एक मई से पहले ही चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।

केरल में कुछ ऐसी है दलीय स्थिति
केरल में विधानसभा की 141 सीटे हैं। इसमें से 140 निर्वाचित और एक सीट नामित होती है। वर्तमान में यहां पिनराई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार है। यहां सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के पास 91 विधायक हैं। वहीं यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के पास 47, एनडीए के पास एक और केरल जनपक्षम सेक्युलर (केजेएस) के पास एक सीट है।

जानिए असम की राजनीतिक स्थिति
असम में विधानसभा की 126 सीट हैं। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 60 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास 26 सीटे हैं। वर्तमान में राज्य का कार्यभार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल संभाल रहे हैं। गौरतलब है कि 2001 से 15 साल तक कांग्रेस राज्य में सत्ता में रही थी। कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में भजपा नीत राजग का मुकाबला करने के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (एमएल)और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ एक महागठबंधन बनाया है। असम में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में खंडित जनादेश आया था। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) की झोली में 13 सीटें गई थी। भाजपा 60 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि उसके सहयोगी दल असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट को क्रमश: 14 और 12 सीटें मिली थी। सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है।

तमिलनाडु में क्या है दलीय स्थिति
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटे हैं। इसमें सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मनेत्र कड़घम (एआईएडीएमके) के पास 136 विधायक हैं। वहीं द्रविड़ मुनेत्र कड़घम (डीएमके) के पास 89, कांग्रेस के पास सात और इंडियन मुस्लिम लीग के पास पांच विधायक हैं। वर्तमान में ईडापड्डी पलानीस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। तमिलनाडु में मौजूदा सरकार का कार्यकाल मई 2021 को खत्म हो रहा है।

पश्चिम बंगाल में कुछ ऐसी है स्थिति
पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटे हैं। इसमें से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पास 211 विधायक हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 32 तो भारतीय जनता पार्टी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां बहुमत के लिए 148 सीटों की जरूरत है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था और 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी, जो सिर्फ 44 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। वहीं, भाजपा के खाते में महज तीन सीटें आई थीं। हालांकि इस साल का मुकाबला सिर्फ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच देखा जा रहा है।

किस राज्य में कितने चरणों में चुनाव होने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में छह से आठ चरण में चुनाव हो सकते हैं, जबकि असम में तीन चरणों में मतदान करवाया जा सकता है। वहीं केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक ही चरण में मतदान कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की मतगणना एक ही दिन होगी। एक मई से पहले विधानसभा गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु में होंगे 6 अप्रैल को चुनाव, 2 मई को आएंगे नतीजे
जिन पांच राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से चार राज्यों (तमिलनाडु, असम, केरल और पश्चिम बंगाल) में विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल मई और जून में समाप्त हो रहा है। वहीं, पुडुचेरी में विश्वास मत पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा इस्तीफा देने से कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी और वहां विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।

 

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