अध्यक्ष ने वरिष्ठ सदस्य को नही दी प्रश्न पूछने की अनुमति, विधायक से दुर्व्यवहार मामले में विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का दिया प्रस्ताव

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज ठीक 11 बजे प्रश्नकाल शुरु हुआ। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल को प्रश्न पूछने की अनुमति नही दी। वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल का यह प्रश्न नगरीय निकाय विभाग से जूड़ा हुआ था। जिसमें रायपुर नगर निगम क्षेत्र में मोर ज़मीन मोर मकान प्रधानमंत्री आवास योजना और बीएसयूपी के तहत बने मकान की जानकारी और आबंटन सुची की जानकारी के साथ यह जानकारी भी माँगी गई थी

कि कितने लोगों को सुची से क्रम तोड़कर आबंटन किया गया है। दरअसल विधानसभा में आज पहला सवाल वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल का था, आसंदी से उनका नाम पुकारा गया लेकिन उस वक्त बृजमोहन अग्रवाल सदन में नहीं थे, आसंदी ने अगले प्रश्न के लिए डॉ कृष्णमूर्ति बांधी का नाम लिया। जैसे ही डॉ कृष्णमूर्ति बांधी प्रश्न पूछने के लिए खड़े हुए, बृजमोहन अग्रवाल सदन में पहुँचे।

वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने आते ही प्रश्न पूछने की क़वायद की तो नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया ने आसंदी से व्यवस्था का आग्रह किया और कहा की आपने दूसरे सदस्य को पुकार लिया है। अब ये कैसे पूछ सकते हैं। व्यवस्था दीजिए।

चार जनवरी को बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ भवन में विधायक शैलेष पांडेय से दुर्व्यवहार किए जाने के मसले पर विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है। विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह करते हुए सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा की माननीय अध्यक्ष जी यह बेहद गंभीर मामला है। विधायक शैलेष पांडे के साथ दुर्व्यवहार हुआ और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो विधायकों का काम करना मुश्किल हो जाएगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा की मुझे आपका विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव मिल चुका है। मैंने इसे विचारार्थ रखा है।

धान ख़रीदी के मसले पर कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने सरकार को ऐसा घेरा कि मंत्री अमरजीत भगत को जवाब देने काग़ज़ों को टटोलना पड़ गया।वहीं विपक्ष पूरी ताक़त से इस मसले को लेकर सरकार पर सवालिया निशान के साथ आक्रामक हो गया। कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने मंत्री अमरजीत भगत से प्रश्न किया की बीते वर्ष का धान ख़रीदा गया उसका उठाव ही नहीं किया गया और इस वर्ष जो धान ख़रीदा गया उसका उठाव हो गया है। इस पर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा की उठाव हो रहा है। मिलिंग हो रही है। सेंट्रल पुल ने उसना लिया नहीं है। अब उसको स्टेट पुल में लेंगे।

इस पर विपक्ष ने सवालों से मंत्री अमरजीत भगत को घेर दिया और धान का उठाव ना होने के मामले को प्रदेश व्यापी समस्या बताया। इस बीच कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने फिर सवाल किया की साल भर बाद उसमें चावल ही कितना बचा है। इसकी जाँच कैसे होगी। जो दोषी है वह कौन। कार्यवाही क्या होगी।

इस के ठीक बाद विधायक संतराम नेताम ने विपक्ष के आरोप पर यह सवाल करते हुए एक प्रकार से मुहर लगा दी जबकि सदस्य नेताम ने कहा की यह केवल कोंडागांव का मसला नही है। ऐसा पूरा प्रदेश में हुआ है। आप बताइए जाँच क्या होगी दोषी कौन है। इसी के साथ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आसंदी से कहा की संयुक्त विधायक दल बना लें। जाँच कर लेते हैं कि धान बचा है या नही। इसके बाद सदन में शोर गुल होने लगा। सत्ता पक्ष ने केंद्र सरकार से चल रहे धान ख़रीदी गतिरोध पर विपक्ष पर कोई सहयोग ना करने का आरोप लगाया।