भारत की स्वदेशी वैक्सीन सुरक्षित और असरदार, प्रतिरक्षा बढ़ाने में प्रभावी – रिपोर्ट

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नई दिल्ली :-  महामारी से निपटने के लिए भारत, अमेरिका और रूस समेत कई देशों ने कोविड वैक्सीन का सफल परीक्षण कर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। इस बीच एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत की स्वदेशी वैक्सीन सुरक्षित और असरदार साबित हो रही है। यह इम्यून रिस्पांस यानी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने में प्रभावी साबित हुई है। इस वैक्सीन के चलते कोई गंभीर दुष्प्रभाव भी सामने नहीं आया है। भारत बायोटेक की इस वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल के नतीजों को लेकर यह अध्ययन किया गया है।

द लैंसेट मेडिकल जर्नल में कोवैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण परिणाम प्रकाशित हुए हैं। लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल के मुकाबले दूसरे चरण में कोवैक्सीन ज्यादा असरदार पाई गई। हालांकि, इस चरण में महज 380 लोगों के समूह पर यह परीक्षण किया गया। ‘द लैंसेट’ ने कोवैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर कहा कि ये वैक्सीन सुरक्षित है, लेकिन इसकी कारगता को जांचने के लिए तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अंतिम परिणाम की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन बेहद असरदार है। इसको लगाने के तीन महीने बाद शरीर में एंटीबॉडी बढ़ना शुरू हो जाता है। जबकि 14 से 28 दिन के भीतर एंटीबॉडी बनने लगतीं हैं। कोवैक्सीन ने हाई न्यूट्रालाइजिंग एंटीबॉडी रिस्पॉन्स को बढ़ाने में मदद की।

तीसरे चरण में 81 फीसदी असरदार
भारत की स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ अपने तीसरे चरण के ट्रायल में 81 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। भारत बायोटेक ने बताया कि वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल 25,800 लोगों पर किए गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ किया गया ये ट्रायल भारत में अब तक के सबसे बड़े स्तर का क्लिनिकल ट्रायल है।

 

देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी

पिछले साल सिंतबर में कोवैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल में 12 से 18 वर्ष और 55 से 65 साल की उम्र के 380 लोगों को शामिल किया गया था। ट्रायल के दौरान प्रतिभागियों को वैक्सीन की पहली खुराक देने के 28 दिनों बाद दूसरी डोज दी गई थी। कंपनी ने बताया है कि तीसरे चरण के ट्रायल में 18 से 98 साल की उम्र के 25 हजार 800 लोगों को शामिल किया गया है। कोविड वैक्सीन को लेकर शुरुआत में लोगों में डर था, लेकिन अध्ययन में सुरक्षित बताए जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना टीका लगवाने के बाद लोग टीकाकरण कराने के लिए आगे आ रहे हैं। देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन भी लगाई जा रही है।

 

 

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