बीजापुर हमला : नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद, CRPF महानिदेशक घटनास्थल पर जायजा लेने पहुंचे
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों ने 700 से अधिक जवानों को घेर कर हमला किया। बीजापुर एसपी ने रविवार को बताया कि नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए हैं और कई जवान अब भी लापता हैं।नक्सलियों ने दो दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मियों के हथियार भी लूट लिए। लापता जवानों की तलाश के लिए आज सुबह से सुरक्षाबल का सर्च अभियान जारी है। सुरक्षा बलों ने लापता 17 जवानों के शव घटनास्थल से बरामद कर लिए हैं।
अब इस घटना पर सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि अगर हमारी किसी भी तरह की विफलता होती तो इतने नक्सली नहीं मारे जाते। उन्होंने कहा कि घायल नक्सलियों एवं मृत नक्सलियों के शवों को ले जाने के लिए तीन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि अभी ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों की सटीक संख्या कहना मुश्किल है, लेकिन यह संख्या 25-30 होनी चाहिए। वहीं बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज ने जानकारी देते हुए बताया कि लापता जवानों की तलाश करते हुए आज सर्च ऑपरेशन में 20 जवानों के शव बरामद किए गए। कुल मिलाकर इस घटना में हमारे 22 जवानों ने अपनी जान गवाई है। 2 जवान लापता हैं, सर्च ऑपरेशन जारी है। हमले में कुल 31 जवान घायल हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है। गृह मंत्री शाह ने बघेल से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली। बता दें कि सीएम बघेल असम में प्रचार करने गए हुए हैं, वे शाम तक छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे।
22 security personnel have lost their lives in the Naxal attack at Sukma-Bijapur in Chhattisgarh, says SP Bijapur, Kamalochan Kashyap
Visuals from the Sukma-Bijapur Naxal attack site pic.twitter.com/C3VvAdvjaN
— ANI (@ANI) April 4, 2021
सुरक्षाबलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने बताया शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के तहत दो हजार जवानों को रवाना किया गया था। लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेरकर तीन ओर से फायरिंग की थी। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 15 नक्सली ढेर हो गए। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से एक महिला नक्सली का शव बरामद किया है। मुठभेड़ में नक्सलियों को भी काफी नुकसान होने की खबर है। हमले में 22 जवान शहीद हो गए। वहीं 31 से अधिक घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पीएम मोदी ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सली हमलें में जवानों के शहीद होने पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि जवानों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। ट्वीट कर पीएम मोदी ने लिखा, ”मेरी संवेदनाएं छत्तीसगढ़ में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ है। वीर शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।”
गृह मंत्री शाह ने जताया दुख
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘मैं छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए हमारे वीर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को नमन करता हूं। राष्ट्र उनके शौर्य को कभी नहीं भूलेगा। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। हम शांति और प्रगति के इन दुश्मनों (नक्सलियों) के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
शाह ने की बघेल से बातचीत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के पांच जवानों के शहीद होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रविवार को बात की और हालात का जायजा लिया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने बघेल से बात की और मुठभेड़ के बाद पैदा हुई स्थिति की जायजा लिया। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को मुठभेड़ के बाद राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
सीआरपीएफ महानिदेशक छत्तीसगढ़ पहुंचे
शाह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह को स्थिति का जायजा लेने के लिए छत्तीसगढ़ जाने को कहा। गृह मंत्री के निर्देश के बाद सीआरपीएफ महानिदेशक छत्तीसगढ़ पहुंचे। इस दौरान वे हालात का जायजा जायजा लेंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने डीजी को बीजापुर भेजने के साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से भी संपर्क में हैं।
पहले से था बड़े हमले का अंदेशा
बीजापुर-सुकमा जिले का सरहदी इलाका जोनागुड़ा नक्सलियों का मुख्य इलाका है। यहां नक्सलियों की पूरी एक बटालियन और कई प्लाटून हमेशा तैनात रहती हैं। इस पूरे इलाके की कमान महिला नक्सली सुजाता के हाथों में है। माना जा रहा है कि अफसरों को पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि जवानों पर नक्सलियों का बड़ा हमला हो सकता है। यही कारण था कि पूरे इलाके में दो हजार से ज्यादा जवानों को उतारा गया था। नक्सलियों की ओर से की गई गोलीबारी में घिरने के बाद भी जवानों ने हौसला नहीं खोया और नक्सलियों का घेरा तोड़ते हुए तीन से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। घायल जवानों और शहीदों के शव को घेरे से बाहर भी निकाल लिया। शहीद जवानों में दो-दो बस्तरिया बटालियन और डीआरजी और एक कोबरा से हैं।
ऑपरेशनल प्लानिंग पर खड़े हुए सवाल
सीआरपीएफ के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी के विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।
दस दिन के अंदर यह दूसरा हमला
छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी पांच जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट के जरिये किया था। तर्रेम थाने से सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर में सिलगेर के जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस पर जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई।