कई धार्मिक स्थल मदद को आ रहे आगे, मस्जिद में बना 50 बेड का कोविड हॉस्पिटल

वडोदरा । देश में कोरोना का कहर जारी है। महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों की हालत गंभीर है। गुजरात में हर रोज सात हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं। हालत ये हो गई है कि अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड कम पड़ गए हैं। इस मुश्किल वक्त में कई धार्मिक स्थल मदद को आगे आ रहे हैं। अस्पतालोंं में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी को देखते हुए वडोदरा में जहांगीरपुरा मस्जिद को एक कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया गया है।

जहांगीरपुरा मस्जिद के संचालक ने अस्पतालों में बेड की कमी देखते हुए यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि मस्जिद में लोगों की जान बचाने से ज्यादा बेहतर कोई इबादत नहीं हो सकती। जहांगीरपुरा मस्जिद के संचालक इरफान शेख ने कहा कि यह संकट का समय है। इस मुश्किल दौर से निपटने के लिए सरकार को घेरने के बजाय सभी को मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते अभी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी जा रही है। दूसरी ओर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे के चलते अस्पताल में बेड की कमी आ गई है, ऐसे में हमने इस मस्जिद को अभी कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया है। फिलहाल, इसमें 50 बेड ऑक्सीजन के साथ लगाए गए हैं।

कहा- मानवता से बढ़ा कोई धर्म नहीं

उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है और सभी को इस संकट से साथ मिलकर निपटना होगा। सरकार पर आक्षेप लगाने से अच्छा है लोगों की जान बचाने में सहयोग करें। यही अल्लाह की इबादत है, इससे बढ़कर कोई और इबादत हो ही नहीं सकती।

दारुल उलूम में भी 120 बेड की व्यवस्था
जहांगीरपुरा मस्जिद के अलावा दारुल उलूम में भी 120 बेड की व्यवस्था की गई है। संस्था के संचालकों ने प्रशासन के साथ मिलकर यह व्यवस्था खड़ी की है। देश के दूसरे हिस्सों से भी ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जहां पर अब धार्मिक स्थानों को कोविड सेंटर में तब्दील कर लोगों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है।

अदालत ने लगाई रूपाणी सरकार को फटकार
गुजरात में कोरोना के सबसे अधिक मरीज अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में हैं। इन शहरों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। अहमदाबाद के अस्पतालों के बाहर अब एंबुलेंस की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। वहीं इस महामारी से जिस अंदाज में राज्य की रूपाणी सरकार लड़ रही हैं, उससे गुजरात हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है। हाईकोर्ट ने रूपाणी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने समय रहते उनके सुझावों पर काम नहीं किया, गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए, जिसके चलते हालात भयाभय हो गए हैं।