बड़ा खुलासा: छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में लाखों कोरोना वैक्सीन हो गयी बर्बाद
नई दिल्ली । कोरोना वायरस वैक्सीन की करीब 45 लाख डोज देश में 11 अप्रैल तक बर्बाद हो गई। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत सामने आई है। कोरोना वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच एक नई जानकारी ने चिंता बढ़ाई है। खबर है कि 11 अप्रैल तक देश में करीब 45 लाख कोविड-19 वैक्सीन बर्बाद हो चुकी हैं। खास बात है कि वैक्सीन बर्बादी के मामले में पांच राज्य सबसे आगे हैं। वैक्सीन को लेकर दायर हुई एक RTI में जवाब मिला है कि राज्यों के उपयोग में आए 10.34 करोड़ वैक्सीन डोज में से 44.78 लाख डोज बर्बाद हो गए हैं।
देश के कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे भी हैं, जहां वैक्सीन वेस्टेज नहीं हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन एंड दीव, अंडमान एंड निकोबार आईलैंड और लक्षद्वीप पर वैक्सीन बर्बादी नहीं हुई है। देश में बीती 16 जनवरी से वैक्सीन कार्यक्रम शुरू हो गया था। देश में फिलहाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा।
राज्यों में वैक्सीन वेस्टेज को आंकड़ों में समझें
आंध्र प्रदेश: 1,17,733
असम: 1,23, 818
बिहार: 3,37,769
छत्तीसगढ़: 1.45 लाख
दिल्ली: 1.35 लाख
गुजरात: 3.56 लाख
हरियाणा: 2,46,462
जम्मू-कश्मीर: 90,619
झारखंड: 63,235
कर्नाटक: 2,14,842
लद्दाख: 3,957
मध्य प्रदेश: 81,535
महाराष्ट्र: 3,56725
मणिपुर: 11,184
मेघालय: 7,673
नागालैंड: 3,844
ओडिशा: 1,41,811
पुडुचेरी: 3,115
पंजाब: 1,56,423
राजस्थान:6,10,551
सिक्किम: 4,314
तमिलनाडु : 5,04,724
तेलंगाना: 1,68,302
त्रिपुरा: 43,292
उत्तर प्रदेश: 4,99,115
उत्तराखंड: 51,956
एक ओर देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी जैसे हालात तैयार हो रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कुछ ऐसे राज्य भी हैं, जो लगातार वैक्सीन बर्बादी में आगे चल रहे हैं। हाल ही में एक RTI से मिली जानकारी बताती है कि देश में 11 अप्रैल तक 44.78 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद हो चुके हैं। तमिलनाडु में वैक्सीन वेस्टेज ज्यादा है। यहां 11 अप्रैल तक 12.10% खराब हो चुकी है। दूसरे नंबर पर 9.74% के साथ हरियाणा है। इसके बाद पंजाब में 8.12, मणिपुर में 7.80, तेलंगाना में 7.55 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो चुकी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की सर्वाधिक बर्बादी दक्षिण भारत के तमिलनाडु में हुई है। वहां पर 12.10 फीसदी टीका बर्बाद हुआ, जबकि इसके बाद क्रमशः हरियाणा में 9.74%, पंजाब में 8.12%, मणिपुर में 7.8% और तेलंगाना में 7.55% टीके की बर्बादी हुई।