नर्स वैक्सीनेशन के दौरान संक्रमित, दूसरों को बचाते-बचाते हारी जिंदगी की जंग

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जांजगीर-चांपा । जांजगीर में एक नर्स वैक्सीनेशन के दौरान संक्रमित हो गई। बलौदा ब्लॉक के देवरहा पिसौद गांव निवासी नर्स ग्राम जर्वे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थीं। उनकी ड्यूटी विभाग की ओर से वैक्सीनेशन में लगी थी, पहली रोज हेल्थ वर्कर होने के कारण वैक्सीन की एक डोज उन्हें 25 दिन पहले लग चुकी थी। दूसरी डोज उन्होंने नहीं लगवाई थी। इस दौरान सेंटर में आने वालों को वैक्सीनेशन कर रही थीं। इसी बीच उनकी तबीयत बिगड़ गई। कोरोना के लक्षण होने के कारण वह होम आइसोलेशन में चली गईं और टेस्ट कराया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर परिजन एक्सक्लूसिव कोविड ट्रीटमेंट सेंटर ले गए, वहां बेड ही नहीं मिला। मजबूरी में महुदा कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया। तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो फिर 4 दिन बाद ECTC लेकर पहुंचे। इस बार उन्हें बेड तो मिला, पर सांसे टूट चुकी थीं।

ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 40 था

कोविड केयर सेंटर के डॉक्टर ने कहा कि जब नर्स को अस्पताल लाया गया तो उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 40 था। गंभीर स्थिति में भर्ती करने के बाद इलाज शुरू होने पर ऑक्सीजन लेवल 65-70 तक पहुंच गया था। इसके बाद उन्हें ECTC में इलाज के भर्ती किया गया था। जहां उनकी मौत हो गई है। बीपीएम ने बताया कि नर्स द्रौपदी तिवारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 22-23 अप्रैल से वे होम आइसोलेशन में थीं। इस बीच तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए ECTC लेकर आए, लेकिन बेड खाली नहीं होने के कारण भर्ती नहीं किया जा सका।इसके बाद उन्हें फिर से महुदा के कोविड केयर सेंटर भेज दिया गया। वहां उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद 26 अप्रैल को फिर ECTC भेजा गया, लेकिन वहां पर उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

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