प्रदेश में 18+ का टीकाकरण स्थगित, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है। 18 से 44 वर्ष के आयुवर्ग के लोगो के वैक्सीनेशन को राज्य सरकार ने स्थगित कर दिया है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल 18+ का टीकाकरण नही होगा। हाईकोर्ट के आदेश पर नीति बनाने के लिए राज्य सरकार ने कमेटी गठित की है। बता दें छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष का टीकाकरण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के चलते अभी स्थगित किया गया है। 18 से 44 वर्ष का टीकाकरण शासन की कमेटी की रिपोर्ट आने तक स्थगित किया गया है। नीति बनाने के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक कमेटी का गठन किया है।
छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने समस्त कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी को 18-44 वर्ष के व्यक्तियों हेतु शासकीय संस्थाओं में कोविड 19 टीकाकरण के संबंध में पत्र लिखा है, जिसमे उन्होंने कहा है कि भारत सरकार द्वारा राज्यों को 18-44 वर्ष आयुवर्ग हेतु वैक्सीन डोसेज़ राज्य कोष से क्रय करने व इस आयुवर्ग के नागरिकों का टीकाकरण करने की अनुमति दी गई है। भारत सरकार की अनुमति के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा वैक्सीन के दोनों उत्पादकों को 75 लाख वैक्सीन की खुराक की मांग प्रेषित की गयी। परन्तु राज्य को इस मांग के विरुध्द 30 अप्रैल 2021 तक कोई वैक्सीन नहीं मिली। 30 अप्रैल की देर शाम को राज्य को सूचित किया गया कि 1 मई 2021 को 1.5 लाख डोसेज रायपुर पहुंचेगी। इसलिए इस हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाने के लिए समय नहीं बचा था।
इस बात के मद्देनजर कि 18-44 वर्ष आयु वर्ग में अनुमानित जनसंख्या कुल 1.34 करोड़ है और राज्य के पास उपलब्ध वैक्सीन डोसेज केवल 1.5 लाख थीं, यह निर्धारित किया गया कि यदि टीकाकरण को इस आयुवर्ग के समस्त लोगों के लिए खोला जाता है तो इससे अराजकता तथा कानून और व्यवस्था संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। भारी भीड़ रहने से कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन भी संभव नहीं हो पाता, इसलिए, इस आयुवर्ग में एक समूह विशेष को प्राथमिकता देना आवश्यक हो गया था। भारत सरकार का CoWIN पोर्टल केवल मोबाइल फोन नंबर और OTP के आधार पर पंजीकरण की अनुमति देता है। अधिकांश अत्यंत गरीब लोगों के पास मोबाइल नहीं है और उनके पास कनेक्टिविटी और इंटरनेट तक पहुंच भी नहीं है। इसलिए उनके लिए CoWIN पोर्टल पर पंजीकरण कराना लगभग असंभव है।
हालांकि इससे पहले CoWIN पोर्टल पर ऑनसाइट पंजीकरण की अनुमति थी, लेकिन भारत सरकार ने 18–44 वर्ष के आयुवर्ग के लिये ऑन-साइट पंजीकरण की सुविधा वापस ले ली, जो गरीब लोगों के साथ बहुत बड़ा भेदभाव है। इसलिए, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को अत्यंत गरीब व्यक्ति के प्रति सुरक्षा की नीति अपनाने के लिए विवश होना पड़ा। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि टीकाकरण हेतु अंत्योदय श्रेणी के लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो सबसे गरीब हैं। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा ऑनसाइट पंजीकरण की सुविधा भी प्रदान की गई है।
राज्य सरकार इस बात के प्रति पूर्णतः जागरूक है कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रत्येक व्यक्ति का कोविड के विरुद्ध टीकाकरण किया जाना चाहिए और इस तारतम्य में राज्य सरकार ने सार्वजनिक घोषणा भी की है कि छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों का निःशुल्क टीकाकरण किया जाएगा, परंतु राज्य को उपलब्ध करायी गयी वैक्सीन की सीमित आपूर्ति के कारण गरीबी के अनुसार प्राथमिकता दिया जाना आवश्यक हो गया। इसलिए टीकाकरण में अंत्योदय लाभार्थियों का सर्वप्रथम इसके बाद बीपीएल लाभार्थियों का तथा इसके बाद एपीएल लाभार्थियों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया ।
इस मामले में माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान में लेते हुए रिट याचिका संख्या WP PIL 27/2020 Suo Moto vs Chhattisgarh state & others, WPPIL 46/2021 के अंतर्गत दिनांक 4.5.2021 को राज्य शासन को यह निर्देश दिया है
माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने तत्काल आदेश दिनांक 5.5.2021 द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित कर दी है। चूंकि समिति को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विभिन्न पहलुओं जैसे भेद्यता, संक्रमण फैलने की सम्भावना और समूह में पात्र व्यक्तियों की संख्या पर विचार करना है, इसलिए समिति को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने में कुछ समय लगने की संभावना है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 30.04.2021 को संशोधित करने का आदेश दिया है और यह कहा है कि अंत्योदय, बीपीएल एवं एपीएल श्रेणियों के लिये टीकाकरण के अनुपात का निर्धारण राज्य शासन द्वारा किया जाये । राज्य शासन द्वारा अनुपात का निर्धारण करने में कुछ समय लगने की संभावना है। इस बीच यदि केवल अंत्योदय हितग्राहियों का टीकाकरण किया गया तो इसे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना माना जा सकता है इसलिए इस प्रकार संशोधन किये जाने तक माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में 18-44 वर्ष आयुवर्ग के टीकाकरण को स्थगित किया जाता है।
18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के टीकाकरण पर रोक पर अमित जोगी की प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट की मंशा है कि आर्थिक कमजोर लोगों के साथ-साथ बाक़ी सभी को भी टीका लगना चाहिए क्योंकि सबको जीने का समान अधिकार है।किंतु आज देर रात इस मंशा के विपरीत स्वास्थ्य विभाग ने 18-44 आयुवर्ग के टीकाकरण पर रोक लगा देने का फ़रमान निकाल दिया।छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट को जनता के समक्ष खलनायक बनाने की ग़लत नियत से यह फ़ैसला लिया है।यह न्यायालय की अवमानना की परिधि में आता है।