ब्लैक फंगस को लेकर सरकार की एडवायजरी: प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा इलाज, हर जिले में उपलब्ध रहेगी हर जरूरी दवा
रायपुर। कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में ब्लैक फंगस की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) प्रकरणों से ग्रसित मरीज के प्रकरण आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पीडि़त मरीजों के उपचार हेतु राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को जारी किया है। राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में ब्लैक फंगस के खतरों से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है। इस बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक हर जरूरी दवा प्रदेश के हर जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी।
गौरतलब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण होने की जानकारी को गंभीरता से लेते हुए इसके रोकथाम के लिए लगने वाली आवश्यक दवाएं पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरसिन-बी औषधियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पहले ही दिए जा चुके है। जिसके परिपालन छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक द्वारा सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फॉर्म, टेबलेट, सीरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक द्वारा औषधि निरीक्षकों को यह भी निर्देशित किया गया है, कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के भीतर समस्त होलसेलर, स्टॉकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त करें और अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें।
राज्य शासन ने ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) पर जारी की एडवाइजरी
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाईयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। यदि व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अन्दर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे जिससे गम्भीर बीमारी हो सकती है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है। यह बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाईयां ले रहे व्यक्ति को या आईसीयू में अधिक समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है।
यह लक्षण दिखे तो चिकित्सक से तत्काल करें परामर्श
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) के सामान्य लक्षणों में आंख नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना, चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाक/तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढि़ला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना। ब्लैक फंगस से बचने कि लए धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर जाना चाहिए। शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर रखें और बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहनें। विशेष रूप से व्यक्तिगत साफ-सफाई ध्यान रखें।