साल का पहला चंद्रग्रहण कहां दिखाई देगा और इस बीच किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
नईदिल्ली:- आज 26 मई 2021 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व होने के साथ ही बहुत अधिक धार्मिक और ज्योतिष महत्व होता है। कल लगने वाला चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखाई देगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण उपछाया के रूप में दिखाई देगा, जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा। चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह चंद्रग्रहण देश के पूर्वोत्तर भाग में और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग में दिखाई पड़ेगा। देश के बाकी भागों में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे के अनुसार चंद्रग्रहण दोपहर 2:18 बजे शुरू होगा, जो शाम 7:19 बजे तक रहेगा। लेकिन सूतक मान्य नहीं होगा।
कहां दिखेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण- साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई पड़ेगा।
क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण- चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है यानी सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया में होता है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है। जब चंद्रमा का केवल एक भाग पृथ्वी की छाया में आता है तो आंशिक चंद्र ग्रहण होता है। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
स्नान का महत्व- चंद्र ग्रहण प्रारंभ होने से पहले और चंद्र ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना लेना चाहिए।
मंत्र जप करें- चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र जप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंत्र जप करने से भगवान का आर्शवाद प्राप्त होता है।
दान करें- जिस दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला हो उस दिन दान- पुण्य करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
ग्रहण के बाद करें ये काम- चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और मंदिर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए और देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान खाने- पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पत्ता डालने से खाने- पीने की चीजों में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है। चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान घर पर ही रहें। ऐसा माना जाता है कि गर्भवास्था में ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाने से बच्चे पर ग्रहण का विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं- ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। हालांकि बच्चों, बुर्जुगों और गर्भवती महिलाओं पर ये नियम लागू नहीं होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस समय भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।