‘मन की बात’ में बोले प्रधानमंत्री मोदी: देश ने किया दो बड़े तूफानों का सामना

नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे से अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ कार्यक्रम में संबोधित किया। यह मन की बात का उनका अब तक का 77वां संबोधन था। इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ते कोरोना के मामले एवं टीकाकरण की स्थिति को लेकर चर्चा की। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि संकट की इस घड़ी में डॉक्टरों-नर्सों ने अपनी चिंता छोड़कर लोगों की मदद की है। पीएम मोदी ने इस दौरान ऑक्सीजन टैंकर की सप्लाई में जुटी जल, थल, वायु सेना की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि सेना के जवान जो कर रहे हैं वो रूटीन का काम नहीं है। ऐसी आपदा 100 साल बाद आई है। मैं सेना के काम को सलाम करता हूं।

यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क तथा आकाशवाणी समाचार वेब साइट के साथ एप पर भी प्रसारित किया गया।  इसके अलावा कार्यक्रम को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर लाइव सुना गया। बता दें कि आकाशवाणी पर हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद इसे क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारित किया जाएगा। क्षेत्रीय भाषा के संस्करणों को शाम 8 बजे रिपीट किया जाएगा।

गौरतलब है कि देश अभी कोरोना संकट का सामना कर रहा है और केंद्र को विपक्षी दलों द्वारा महामारी से निपटने और कोविड-19 टीकों की कमी को लेकर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली और महाराष्ट्र सहित कई कोरोना प्रभावित राज्यों ने 18 से 44 साल के लोगों के लिए हो रहे वैक्सीनेशन अभियान पर रोक लगा दिया है। कई राज्यों का कहना है कि उनके पास टीकाकरण अभियान जारी रखने के लिए प्रयाप्त वैक्सीन नहीं है।

21 माह में ही 4.5 करोड़ घरों को दिए पानी कनैक्शन

मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन कनैक्शन थे | लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनैक्शन दिए गए हैं | इनमें से 15 महीने तो कोरोना काल के ही थे !”

70 साल बाद गांवों में पहुंची बिजली

मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियां उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गाँव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है। ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोज़गार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है।

‘दूसरे देशों की सोच के दबाव में नहीं भारत”

प्रधानमंत्री ने कहा कि “मेरे प्यारे देशवासियों, आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है |

बड़ी चुनौती थी मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई

प्रधानमंत्री ने कहा कि “इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी हैं,जिनकी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है | मुझसे ‘मन की बात’ के कई श्रोताओं ने नमो एप पर और पत्र के द्वारा इन वॉरियर्स के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया है..”। ऑक्सीजन टैंकर ज्यादा तेज चले , छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का खतरा होता है। साथियो, जब दूसरी आई, अचानक से ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था। मेडिकल ऑक्सीजन का देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी।”

‘डॉक्टर और नर्सों ने दिन रात किया काम’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है। हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स- उन्होंने खुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम किया और आज भी कर रहे हैं।

जिन्होंने करीबियों को खोया उनके लिए संवेदना है

पीएम मोदी ने कहा”मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है। मेरे प्यारे देशवासियो, चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है। देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है |”

राहत और बचाव के कार्य करने वालों को सलाम

पीएम मोदी ने कहा कि “विपदा के इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में साइक्लोन से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुक़ाबला किया है- मैं आदरपूर्वक, हृदयपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं। केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं |”  प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने आगे बढ़कर राहत और बचाव के कार्य में हिस्सा लिया, ऐसे सभी लोगों की जितनी सराहना करें, उतनी कम है। मैं उन सब को सैल्यूट करता हूं।

चक्रवातों से पूरी ताकत से लड़ा देश

प्रधानमंत्री ने कहा- “इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं।”

देश ने किया दो बड़े तूफानों का सामना

प्रधानमंत्री ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से देश पूरी ताक़त के साथ COVID-19 के खिलाफ़ लड़ रहा है। पश्चिमी तट पर तूफान ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी कोस्ट पर तूफान ‘यास’ आया। इस दौरान अम्फान आया,  निसर्ग आया, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, छोटे-बड़े अनेक भूकंप आए, भू-स्खलन हुए |  अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े तूफानों का सामना किया।

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