कोरोना वायरस के नेपाल वैरिएंट ने मचाई खलबली, वैज्ञानिको ने कहा- वैक्सीन का भी नहीं होता असर

नई दिल्ली:- यूरोप में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ने एक बार फिर खलबली मचा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना का यह वैरिएंट सबसे पहले नेपाल में मिला था, जो धीरे-धीरे यूरोप को भी अपनी चपेट में ले लिया है। वैज्ञानिकों ने यह आशंका जाहिर की है कि नया वैरिएंट वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है। यह वैरिएंट पुर्तगाल में मिला है। हालांकि, ब्रिटेन सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार समूह के एक अधिकारी ने बताया कि वैरिएंट को लेकर ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है। पहले से ही वायरस के हजारों वैरिएंट मौजूद है। यह एक ऐसा वायरस है जो हमेशा बदलता रहता है।

ब्रिटेन की बढ़ी चिंता
वियतनाम की ओर से जारी एक बयान में बताया कि कोरोना का एक बेहद खतरनाक वैरिएंट मिला है। इस वैरिएंट में भारत और यूके में मिले स्ट्रेन शामिल हैं, जो कि तेजी से हवा में फैलते हैं । यह वैरिएंट इतना खतरनाक है कि टीके लेने वाले लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। बता दें कि ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि जुलाई-अगस्त में उनके देश से कोरोना पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। देश में टीकाकरण अभियान जून आखिरी तक पूरा कर लिया जाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कई देशों से आने वाले लोगों पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन नए वैरिएंट ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंडियन वैरिएंट का नाम डेल्टा दिया
अप्रैल-मई में भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने जो कहर बरपाया है उसे भुला पाना तो मुश्किल है, वैसे घीरे-धीरे इसकी रफ्तार अब सुस्त पड़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस चालाक है और वो तेजी से अपने रूप बदलता है। कोरोना वायरस के रूप बदलने की वजह से उसे कई नाम मिले हैं। जैसे यूके वैरिएंट, इंडियन वैरिएंट, अफ्रीकी वैरिएंट और अब नेपाल वैरिएंट भी इसमें शामिल हो गया है। ।इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंडियन वैरिएंट का नाम डेल्टा दिया है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने इसमें भारत का नाम नहीं लिया है। वहीं पिछले दिनों भारत सरकार ने इंडियन वैरिएंट को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। सरकार ने सोशल मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी कर इससे संबंधित कंटेंट हटाने को कहा था।

 

रीसेंट पोस्ट्स