भारत भेजेगा टीके, वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल की सप्लाई से अमेरिका ने हटाई रोक
नई दिल्ली । कोरोना वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात से अमेरिका ने रोक हटा ली है। इसके अलावा अपने पड़ोसी और साझीदार देशों की उस लिस्ट में भारत को भी अहम स्थान दिया है, जिन्हें वह कोरोना वैक्सीन की सप्लाई करने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ग्लोबल एलोकेशन प्लान लॉन्च किया है। इस अभियान के तहत अमेरिका की ओर से दुनिया कई देशों को कोरोना टीकों की 25 मिलियन डोज की सप्लाई की जानी है। इसका बड़ा हिस्सा भारत को भी मिलने वाला है। अमेरिका के रुख में यह बदलाव इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि बीते कुछ महीनों से उसने वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा रखी थी।
अमेरिका के इस कदम के बाद वैक्सीन सप्लाई सुगम हो जाएगी। तरनजीत संधू ने बताया है कि अमेरिका के वैश्विक आवंटन प्लान से भारत को फायदा होगा। अमेरिका के इस प्लान के तहत भारत को बड़ी संख्या में वैक्सीन मिल सकती है। अमेरिका भारत सहित महामारी से प्रभावित सबसे कमजोर देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक स्तर पर 2.5 करोड़ वैक्सीन डोज की पहली किस्त बांटने के लिए तैयार है। एक इंटरव्यू में संधू ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन ने आज 2.5 करोड़ टीकों के वैश्विक आवंटन योजना की घोषणा की है। अमेरिका द्वारा पहले घोषणा किए गए 8 करोड़ टीकों में से दी जा रही यह पहली किश्त है। टीकों का बंटवारा दो श्रेणियों में किया जाएगा- पहला- कोवैक्स पहल के जरिए और दूसरा- सीधे पड़ोसी और सहयोगी देशों को।
संधू ने कहा, प्रधानमंत्री ने भारत को वैक्सीन आपूर्ति के आश्वासन के लिए वीपी कमला हैरिस को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने अमेरिकी सरकार, उद्योग, कांग्रेस और प्रवासी भारतीयों के समर्थन और एकजुटता की भी सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि हैरिस और पीएम मोदी ने टीकों में भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने के प्रयासों के बारे में बात की, और वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक सुधार के अन्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल सहित आगे की क्वाड पहल पर भी चर्चा की। वैश्विक स्वास्थ्य स्थिति सामान्य होने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने हैरिस को भारत आने का न्योता भी दिया।