खत्म होगा टीकों का टोटा: अगले महीने से हर दिन लगेंगी 80-90 लाख खुराकें, जानें केंद्र सरकार की पूरी प्लानिंग
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में अगले महीने से कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज होने की संभावना है। दरअसल, केंद्र सरकार ने साल के आखिर तक सभी वयस्कों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन अभी टीके की कमी बनी हुई है। लेकिन अगले महीने से देश में निर्मित स्पूतनिक वी के अलावा बायोलॉजिकल ई औ जायडस कैडिला का टीका भी मिलने की संभावना है। इससे प्रतिदिन 80-90 लाख टीके लगने शुरू हो जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जुलाई में टीके की 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी। ये खुराक कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन की हैं। अगस्त सितंबर से इनके उत्पादन में भी थोड़ी बढ़ोत्तरी होगी। जायडल कैडिला का टीका तैयार है तथा मंजूरी की प्रक्रिया में है। इसके साथ ही बायोलॉजिकल ई के टीके के परीक्षण भी करीब-करीब पूरे हो चुके हैं तथा अगस्त से इसकी भी आपूर्ति शुरू होने की संभावना है। कैडिला का शुरुआती उत्पादन प्रतिमाह 1-2 करोड़ तथा बायोलॉजिकल ई का 4-5 करोड़ रहने की संभावना है।
इस बीच स्पूतनिक टीके का हिमाचल में उत्पादन शुरू हो गया है। जबकि इसकी खुराकें रूस से आयात होकर भी आ रही हैं। उधर, मॉडर्ना एवं सिप्ला के बीच टीके की खरीद को लेकर भी बातचीत अंतिम चरण में है। अगले महीने से मॉडर्ना का टीका भी आयात होकर आ सकता है। फाइजर से सरकार की बात अंतिम चरण में है। एक दो महीनों के भीतर आपूर्ति संभव है। मंत्रालय के अनुसार अगस्त से टीके की उपलब्धता बढ़नी शुरू होगी और सितंबर-अक्तूबर में प्रतिदिन एक करोड़ तक टीके लगाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
कितनी खुराक चाहिए ?
दिसंबर तक सभी वयस्क आबादी को टीका लगाने के लिए करीब 188 करोड़ खुराक की जरूरत होगी क्योंकि वयस्क आबादी 94 करोड़ है। इसमें से अभी तक 38 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। मौजूदा 12 करोड़ की रफ्तार से अगले छह महीनों में 72 करोड़ खुराकें दी जा सकेंगी। इस प्रकार मौजूदा उपलब्धता से 78 करोड़ खुराकें कम पड़ेंगी। लेकिन नए टीकों के आने से सितंबर से प्रतिदिन 80-90 लाख टीकों की उपलब्धता होगी। इस प्रकार यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि वयस्क आबादी के 80 फीसदी को भी दोनों खुराक लग जाती हैं तो यह सौ फीसदी के लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। हालांकि हर्ड इम्यूनिटी के लिए 70 फीसदी टीकाकरण भी पर्याप्त है।