एंटी नक्सल ऑपरेशन में बड़ी भूमिका, एसटीएफ के पास होगा अपना ड्रोन
रायपुर:- नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में अब छत्तीसगढ़ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के पास अपना ड्रोन होगा। इससे नक्सल ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों की गतिविधि की जानकारी मिल पाएगी। साथ ही सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भी जवानों को नक्सलियों के लोकेशन का पता चल सकेगा। इंफ्रारेड की खूबियों वाले इस ड्रोन की मदद से रात में भी ऑपरेशन चलाया जा सकेगा। एंटी नक्सल ऑपरेशन में एसटीएफ की बड़ी भूमिका रही है। एसटीएफ के जवानों ने कई कामयाब ऑपरेशन किए हैं, जबकि केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में भी अहम भूमिका निभाई है। हालांकि गंभीर नक्सल हिंसा से सीधी लड़ाई लड़ रहे एसटीएफ जवानों के पास अब तक ड्रोन की सुविधा नहीं थी।
केंद्रीय सुरक्षा बलों के पास मौजूद ड्रोन की मदद से ही ज्वाइंट ऑपरेशन किए जा रहे थे। लेकिन इसकी क्षमता काफी कम है। यही वजह है कि ऑपरेशन पर निकले जवानों के पैरलल नक्सली चलते रहे और एंबुश में फंसाकर हमला किया। इस जरूरत के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने इंफ्रारेड की खूबियों के साथ पांच किलोमीटर दूर तक उड़ने की क्षमता वाले ड्रोन की खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसटीएफ को ऐसे 14 ड्रोन दिए जाएंगे। इससे ऑपरेशन और कैम्प की सुरक्षा में आसानी होगी।
सुकमा और बीजापुर तक सिमटे नक्सली
राज्य बनने के बाद नक्सल गतिविधियों में तेजी आई। एक समय बस्तर संभाग के सभी जिलों में नक्सलियों का दबाव था, लेकिन धीरे-धीरे अब नक्सली सुकमा और बीजापुर तक सिमट गए हैं। दो-तीन बार ऐसे मौके आए, जब जवानों का सामना नक्सलियों के सबसे ताकतवर हिड़मा बटालियन से हुआ। बीजापुर और सुकमा में अभी कई कैम्प खोले जाएंगे, जिससे नक्सलियों के उन रास्तों को बंद किया जा सके, जिससे वे आना-जाना करते हैं। ड्रोन से निगरानी आसान होगी।
इजराइली ड्रोन का इस्तेमाल नहीं
एंटी नक्सल ऑपरेशन को मजबूत बनाने के लिए दो साल पहले इजराइल से विशेष ड्रोन की खरीदी हुई थी, लेकिन कोरोना की वजह से ट्रेनिंग नहीं हो पाने के कारण अब तक इस्तेमाल नहीं किया जा सका है। खास बात यह है कि इस ड्रोन को जिला मुख्यालय ही नहीं, बल्कि रायपुर से भी ऑपरेट किया जा सकेगा और जंगल में छिपे नक्सलियों की निगरानी हो सकेगी। अब स्थिति सामान्य होने के बाद जल्द ही ट्रेनिंग देकर इसे भी शामिल किया जा सकेगा। इसके लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है।