क्या होता है नक्सली स्मारक और शहीदी सप्ताह?
नक्सली ऐसे स्मारक किसी बड़े नक्सली कमांडर की याद में बनाते हैं, जिन्हें वे अपना आदर्श या हीरो मानते हैं, जिनकी मौत भारतीय जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में हुई होती है। नक्सली, मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों को शहीद मानते हैं और उनकी याद में स्मारक बना देते हैं। इतना ही नहीं, नक्सली शहीदी सप्ताह भी मनाते हैं। इस विशेष सप्ताह में वे मारे गए नक्सलियों को याद करते हैं। इस दौरान ग्रामीणों को जुटाकर वे सभा भी आयोजित करते हैं। शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में होते हैं। जानकारी के अनुसार नक्सली 28 जुलाई से तीन अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने वाले हैं।
स्मारकों को तोडऩे का काम जारी
जानकारी के अनुसार शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्च अभियान तेज कर दिया है। ऐसा ही एक सर्च अभियान के लिए सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन, कोबरा के 202 बटालियन और डीआरजी के जवान निकले हुए थे। इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने पोलमपल्ली इलाके के अरलमपल्ली गांव में नक्सलियों के एक स्मारक को देखा, जिसे उन्होंने आईडी के जरिए ध्वस्त कर दिया। पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाकर्मी लगातार नक्सलियों के स्मारकों को ध्वस्त कर रहे हैं। अभी दो माह पहले ही बीजापुर और दंतेवाड़ा में डीआरजी जवानों ने पांच नक्सली स्मारकों को ध्वस्त किया था। जानकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों का सर्च अभियान जारी है।