नई शिक्षा नीति की वर्षगांठ: पीएम मोदी का राष्ट्र को संबोधन, इन 10 योजनाओं का करेंगे अनावरण
नई दिल्ली(एजेंसी)। गुरुवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक साल पूरा हो जाएगा। जिसके उपलक्ष्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूनतम 10 योजनाओं का अनावरण करेंगे। इनमें उच्च शिक्षा में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी), कक्षा तीसरी, पांचवीं और आठवीं के छात्रों के लिए योग्यता-आधारित मूल्यांकन और क्षेत्रीय भाषाओं में स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रम शामिल हैं।
Prime Minister @narendramodi to address the education community in the country today, on 29th July. https://t.co/IClBGWvtrz
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— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
पीएमओ ने दी जानकारी, एबीसी पर बात करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा, “प्रधानमंत्री एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) लॉन्च करेंगे जो उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए कई प्रवेश और निकास विकल्प, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश प्रदान करेगा।”
सांकेतिक भाषा, निष्ठा 2.0 का होगा अनावरण
गुरुवार से शुरू की जाने वाली 10 पहलों में से कक्षा पहली के छात्रों के लिए विद्या प्रवेश यानी तीन महीने का खेल आधारित स्कूल जो विद्यार्थियों का विद्यालय जाने के लिए तैयार करेगा शामिल है; माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा; और राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा डिज़ाइन किया गया शिक्षक प्रशिक्षण का एक एकीकृत कार्यक्रम, निष्ठा 2.0 का अनावरण किया जाएगा।
तीसरी, पांचवी और आठवीं के लिए यह है योजना
प्रधानमंत्री केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में पढ़ने वाले ग्रेड तीसरी, पांचवी और आठवीं के छात्रों के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा, स्ट्रक्चर्ड असेसमेंट फॉर एनालिसिस लर्निंग लेवल (SAFAL) नामक एक नई पहल की भी घोषणा करेंगे। इसके अलावा मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को समर्पित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी अनावरण करेंगे। इनमें से अधिकांश योजनाएं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और इसके प्रावधानों के अनुरूप हैं।
एनडीईएआर और एनईटीएफ काे करेंगे लॉन्च
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर (एनडीईएआर) और नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) भी लॉन्च करेंगे। जहां एनडीईएआर एकल मंच होगा जो शिक्षा क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के लिए डिजिटल समाधान प्रदर्शित करेगा, वहीं एनईटीएफ को एक स्वायत्त निकाय के रूप में प्रस्तावित किया गया है जो शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित हस्तक्षेपों पर केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों को साक्ष्य (एविडेंस)-आधारित सलाह प्रदान करेगा।