राजनांदगांव में पूर्व मंत्री ने किया सुसाइड: रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने अपने घर में फांसी लगा ली, खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने आत्महत्या कर ली। रविवार शाम करीब साढ़े 7 बजे उन्होंने अपने छुरिया स्थित घर में फांसी लगा ली। भाटिया राजनांदगांव के छुरिया में अपने छोटे भाई के साथ रहते थे। शाम को वह घर पर अकेले थे। उनके भाई जब घर पहुंचे तो भाटिया अपने कमरे में फांसी पर लटके मिले। आत्महत्या का कारण फिलहाल साफ नहीं हो सका है। खबर है कि वो कुछ दिनों से खराब सेहत की वजह से परेशान चल रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रजिन्दर पाल सिंह भाटिया के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है।

भाटिया के आत्महत्या करने की खबर से इलाके के लोग बेहद हैरान हैं। खबर मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अब तक किसी तरह का सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि नहीं है। पुलिस घर वालों से भी पूछताछ की जा रही है। भाटिया एक बार अविभाजित मध्यप्रदेश में और छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद दो बार विधायक निर्वाचित हुए थे।

राजनीतिक सफर
भाटिया ने परिवहन मंत्री और CSIDC के चेयरमैन का पद भी संभाला। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में जब उन्हें भाजपा की ओर से टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उस समय कांग्रेस के भोलाराम साहू विधायक चुने गए। उस चुनाव में निर्दलीय लड़े भाटिया दूसरे स्थान पर रहे और भाजपा के विजय साहू को तीसरा स्थान मिला था।

कौन थे राजिंदरपाल सिंह भाटिया
25 अक्टूबर 1949 में नई दिल्ली में जन्मे रजिंदरपाल की स्कूली शिक्षा राजनांदगांव में ही हुई थी। छात्र राजनीति से वो सार्वजनिक क्षेत्र में आए। उनकी पत्नी भूपिन्दर कौर एक बेटा और दो बेटियां हैं। कुछ साल पहले पत्नी का निधन हो गया था। भाटिया छुरिया में अपने भाई के साथ अकेले ही रह रहे थे। इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद छुरिया में खेती किसानी के पारिवारिक काम को भी संभाला। साल 1978 से भाटिया राजनीति में सक्रिय हुए। 1980 में भाजपा के ब्लाक अध्यक्ष बने। 1993 में पहली बार चुनाव जीता, 1998 और 2003 में भी विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। साल 2004 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)- वाणिज्य, उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम, ग्रामोद्योग और परिवहन विभाग का जिम्मा संभाला।