दुर्ग पुलिस की साइबर सेल की टीम द्वारा राजनांदगांव से पकड़ा गया चेन लुटेरा, नागपुर की जेल से आया था छूटकर

दुर्ग। छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका चैन स्नेचर आखिरकार पकड़ा गया। पुलिस उसे वेश बदलकर भिलाई में ढूंढ रही थी, वह राजनांदगांव में साइबर सेल के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस उसे लेकर दुर्ग पहुंच गई है। यहां पूछताछ में उसने लूट की वारदात करना स्वीकार कर लिया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि वह कुछ दिन पहले ही नागपुर जेल से छूटकर आया था। इसके बाद यहां वारदात करने लगा। पुलिस शाम तक इस मामले का खुलासा करेगी।

दरअसल, चेन स्नेचर को पकड़ने के लिए पुलिस तमाम जद्दोजहद कर रही थी। वह लूट के बाद CCTV में भी कैद हुआ था, लेकिन कुछ पता नहीं चला रहा था। इस पर पुलिस ने मुखबिर लगाने के साथ ही मिले हुए फुटेज पर फोकस किया। इसके बाद साइबर सेल की टीम पीछा करते हुए राजनांदगांव तक पहुंच गई। वहां टीम ने देर रात छापा मारा और आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने भिलाई और रायपुर में वारदात करने की बात कबूल ली।

लुटेरे को पकड़ने के लिए बुजुर्ग बनाई गईं महिला पुलिसकर्मी
लुटेरे को पकड़ने के लिए 20 से 25 साल की महिला पुलिसकर्मियों को 55 से 60 साल की बुजुर्ग के हुलिए में तैयार किया गया था। मेकअप के बाद उन्हें सेक्टर एरिया में फूल तोड़ने और मॉर्निंग वॉक पर भेजा। प्रमुख सड़कों पर सादे कपड़ों में जवानों की तैनाती की गई। शहर के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर 200 से अधिक जवानों की ड्यूटी भी लगाई। यह सब सुबह 4.30 बजे से 9 बजे तक वारदात के समय किया गया, पर बदमाश हाथ नहीं आ सका था।

भिलाई का रहने वाला, नागपुर में करता था चेन स्नेचिंग
एडिशनल SP शहर संजय ध्रुव ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी छावनी निवासी जैकी है। वह पुराना बदमाश है। उसने रायपुर में कई चेन स्नेचिंग की और फिर नागपुर भाग गया था। वहां भी चेन स्नेचिंग करने लगा। उसे नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिसके बाद जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने के बाद भिलाई लौटा था, लेकिन यहां ना रहकर राजनांदगांव में किराये से रहना शुरू कर दिया। वहां से आकर लूट करता और भाग जाता था।

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