प्रधानमंत्री मोदी ने की ‘भारतीय अंतरिक्ष संघ’ की शुरुआत, बोले- भारत का सामर्थ्य दुनिया से जरा भी कम नहीं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘इंडियन स्पेस एसोसिएशन’ की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत में स्पेस सेक्टर और स्पेस टेक्नोलॉजी को लेकर बड़े बदलाव हो रहे हैं। इंडियन स्पेस एसोसिएशन’ इन्हीं बदलावों की एक कड़ी है। इस्पा के गठन के लिए मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं और अपनी शुभकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंडियन स्पेस एसोसिएशन के चार उद्देश्य हैं। इसमें पहला है, नवाचार के लिए प्राइवेट सेक्टर को स्वतंत्रता देना, दूसरा एक प्रवर्तक के रूप में सरकार की भूमिका सुनिश्चित करना, तीसरा युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और चौथा स्पेस सेक्टर का विकास आम नागरिकों के साधन के रूप में करना।
नवाचार का ग्लोबल सेंटर बनेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत को नवाचार का ग्लोबल सेंटर बनाना है। यह एक ऐसी रणनीति है जो भारत के टेक्नोलॉजीकल एक्सपर्टीज को आधार बनाएगी और वैश्विक विकास में बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने का कहा कि आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक अभियान नहीं है। यह एक बेहतर सोच और बेहतर योजना है, जिससे भारत के उद्यमियों और युवाओं के कौशल को बढ़ाया जा सके और भारत को ‘मैन्यूफैक्चरिंग का पॉवरहाउस’ बनाया जा सके।
130 करोड़ भारतीयों के लिए प्रगति का माध्यम
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा स्पेस सेक्टर, 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम है। यह क्षेत्र सामान्य मानव को बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुविधा पहुंचाएगा। यह संघ उद्यमियों के लिए शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक बेहतर स्पीड मुहैया कराएगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत आज जिस अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, जो रिफॉर्म कर रहा है उसका आधार है, भारत को अपने सामर्थ्य पर अटूट विश्वास। उन्होंने कहा कि भारत का सामर्थ्य दुनिया के सभी देशों से जरा भी कम नहीं है।
ये हैं संस्थापक सदस्य
पीएमओ ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष संघ के संस्थापक सदस्यों में लार्सन एंड टुब्रो, नेल्को, वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमाय इंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज व अनंत टेक्नोलॉजी शामिल हैं। यह संघ अंतरिक्ष संबंधी नीतियों की हिमायत करेगा और सरकार व सरकार की एजेंसियों के बीच सामंजस्य स्थापित करेगा।