सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं है केंद्र

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। इस सुनवाई से पहले कोर्ट में केंद्र ने एक हलफनामे के माध्यम से कहा कि केंद्र द्वारा जिन वाहनों का प्रयोग राष्ट्रीय राजधानी में किया जा रहा है वह कुल वाहनों का छोटा का हिस्सा है। इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से प्रदूषण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

केंद्र का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम से प्रदूषण पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। केंद्र ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर आने-जाने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग करने के बजाय कारपुलिंग का सहारा लेने की सलाह दी, जिससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो सके। इसके अलावा केंद्र ने अपने हलफनामें दिल्ली-एनसीआर के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की रिपोर्ट का जिक्र किया है। इस रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार लाने के लिए दिल्ली में 21 नवंबर तक ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल आवश्यक वस्तुओं वाले ट्रकों का ही प्रवेश दिल्ली में हो। इसके अलावा थर्मल प्लांट और निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाने का जिक्र किया गया है।

पंजाब सरकार ने कहा एमएसपी बढ़ाई जाए 
पंजाब सरकार ने सुनवाई से पहले दिए गए हलफनामें में कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इसके लिए एमएसपी प्रति क्विंटर 100 रुपये बढ़ाना चाहिए, पर केंद्र ऐसा नहीं कर रहा है। वहीं हरियाणा सरकार ने भी पराली जलाने पर रोक लगाने की मांग की। सरकार ने कहा कि कुछ थर्मल पावर प्लांट भी बंद किए गए हैं।

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