राज्यसभा के सभापति नायडू ने अनुपस्थित मंत्रियों को फटकार
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को अनुपस्थित मंत्रियों को फटकार लगाई, जिन्हें सदन के पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखने थे। नायडू ने सदन को सामान्य रूप से चलाने के लिए आम सहमति पर पहुंचने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों सदस्यों को समय दिया। बाद में उन्होंने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। जिन अनुपस्थित मंत्रियों को पटल पर जरूरी कागजात या दस्तावेज रखने थे, उन्हें फटकार लगाते हुए नायडू ने उन्हें चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी चीजों की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्यसभा के दिन का कामकाज शुरू होने के तुरंत बाद, नायडू ने सत्ता पक्ष के सांसदों के नाम एक-एक करके बुलाना शुरू कर दिया, ताकि वे पटल पर कागजात रख सकें।
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, अश्विनी कुमार चौबे, कृष्ण पाल, वी. मुरलीधरन, पंकज चौधरी, अनुप्रिया सिंह पटेल, दर्शन विक्रम जरदोश, कैलाश चौधरी, देवी सिंह चौहान सहित अन्य ने सदन के पटल पर अपने-अपने कागजात रखे। वी. मुरलीधरन और अनुप्रिया पटेल ने अपने साथी सदस्यों की ओर से कागजात प्रस्तुत किए थे।इस दौरान नायडू ने कहा कि जिन मंत्रियों को आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखने हैं, उन्हें अनुपस्थित नहीं होना चाहिए। अत्यंत विषम परिस्थिति में ही उन्हें सभापीठ से अनुमति लेकर अनुपस्थित होना चाहिए।उन्होंने कहा कि मंत्रियों के मौजूद नहीं होने अग्रिम सूचना दी जानी चाहिए और इसकी अनुमति ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय सदन के नेता भी उपस्थित है कुछ मंत्री सदन में अपनी मौजूदगी को औपचारिक तौर पर लेते है।नायडू ने कहा, “जिन मंत्रियों को सदन के पटल पर कागजात रखना होता है, उन्हें सभापति को नोटिस देना चाहिए और उन्हें सदन में अनुपस्थित नहीं होना चाहिए।”