रिसाली में 45 मिनट देरी से शुरु हुई मतगणना, एजेंट और प्रत्याशियों के बीच अंदर जाने को लेकर धक्का-मुक्की

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भिलाई। दुर्ग जिले के रिसाली नगर निगम में गुरुवार को तय समय से 45 मिनट देरी से मतगणना शुरु हुई है। यहां प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मतगणना स्थल शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मरोदा टैंक में एजेंट, स्टाफ और प्रत्याशियों के अंदर जाने के लिए एक ही गेट की व्यवस्था की गई है। जिसके कारण यहां मतगणना से पहले अंदर प्रवेश को लेकर जमकर धक्का मुक्की हुई। कुछ देर के लिए भीड़ बेकाबू होती भी नजर आई। आलम ये रहा कि अव्यवस्था की जानकारी लगते ही मौके पर एसएसपी बीएन मीणा पहुंचे। तब जाकर प्रत्याशी अंदर प्रवेश कर पाए। कुछ देर में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने भी यहां पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। जिसके बाद भी मतगणना शुरु हो पाई।
प्रत्याशियों के लिए नहीं की गई बैठने की व्यवस्था
नवगठित रिसाली नगर निगम के 40 वार्डों का यह पहला चुनाव है। जिसमें प्रशासन की तरफ से जमकर अव्यवस्था देखने मिल रही है। मतगणना स्थल पर प्रत्याशियों के बैठने की व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके चलते प्रत्याशी ठंड में जमीन पर बैठे नजर आए। इसी तरह बीरगांव में देरी से मतगणना शुरु होने की जानकारी मिल रही है। रिसाली निगम में पहली बार हुए चुनाव की मतगणना टंकी मरोदा में बने स्ट्रांग रूम में हो रही है। यहां 6 कमरों में 40 वार्ड की गिनती होगी। इस मतगणना के कार्य में यहां 150 लोगों की ड्यूटी लगाई गई है। जबकि सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रिसाली निगम की रिर्टनिंग ऑफिसर नुपूर राशि पन्ना ने बताया कि यहां राउंडवार मतों की गणना के बाद घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि कई वार्डो में केवल दो ही प्रत्याशी है, लेकिन कई वार्डो में 7 से ज्यादा प्रत्याशी है, इसलिए सभी वार्डो के परिणामों की घोषणा एक साथ ही होगी।

अव्यवस्थाओं के बीच रिसाली में मतगणना, प्रत्याशी बाहर खुले में बैठने को मजबूर

रिसाली नगर निगम के लिए अव्यवस्था के बीच मतगणना जारी है।  कुर्सी-टेबल, पानी, टेंट की व्यवस्था नहीं की वजह से प्रत्याशी जमीन पर बैठने को मजबूर हैं। अव्यवस्था पर प्रत्याशियों ने नाराजगी जाहिर की है.खुले आसमान के नीचे मेट में बिठाए जाने पर निर्दलीय प्रत्याशी संजीत विश्वकर्मा, चुमन देशमुख, राम विनोद ने सवाल उठाते हुए कहा कि यहां कुछ भी व्यवस्था नहीं है। अव्यवस्था के बीच रहने को मजबूर हैं। कांग्रेस-भाजपा ने अपने-अपने टेंट का व्यवस्था कर लिए हैं. लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी परेशान हैं। यहाँ न पानी की व्यवस्था है, न बैठने के लिए कुर्सी-टेबल, न टेंट. धूप में खड़े होने को मजबूर हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों ने कहा कि तमाम व्यवस्थाओं के लिए पैसा जारी हुआ है, लेकिन व्यवस्था नहीं की गई है। ना पानी मिला, ना नाश्ता. अंदर आने के बाद कुछ नहीं मिल रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी सारिका साहू और ममता यादव ने भी व्यवस्था पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि धूप में बाहर बैठे हैं. कोई व्यवस्था नहीं है। जमीन में बैठने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि अभी तो धूप में बैठ ले रहे, लेकिन दोपहर में कैसे करेंगे।

भाजपा प्रत्याशी रामेश्वरी देशमुख और ममता सिन्हा ने भी इंतजार को घटिया बताते हुए कहा कि यहां न तो बैठने की व्यवस्था है, और न ही पानी की। मतगणना स्थल पर भी प्रत्याशियों को नहीं जाने दिया जा रहा है। यहाँ पर महिलाओं का सम्मान नहीं किया जा रहा है। समस्या पर हमने कलेक्टर से बात की तो उन्होंने चुप रहने के लिए कह दिया. इस तरह का व्यवहार किया गया है।

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