कानपुर में पीयूष जैन के घर से 150 नहीं, 177 करोड़ मिले, फर्जी ई-वे बिल से गड़बड़ी का आरोप

कानपुर। कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से 150 करोड़ नहीं, बल्कि 177 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम (CBIC) और आयकर विभाग (IT) के अफसर भी एक छापे में मिले इतने कैश को देखकर हैरान हैं। बरामद रकम की गिनती के लिए 13 मशीनों को लगातार 36 घंटे तक काम करना पड़ा। एक सीनियर अफसर ने कहा कि उन्होंने अपनी नौकरी में इतना कैश कभी नहीं देखा।

कुछ समय पहले गुजरात में पकड़े गए ट्रकों में मिले फर्जी ई-वे बिल व फर्जी इनवाइस ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन और शिखर पान मसाला के मालिकान के बीच चल रही सांठगांठ की पोल खोल दी। ट्रकों को पकड़ने के बाद डीजीजीआई की टीम ने लंबे समय तक रेकी की। इसके बाद बुधवार को सबसे पहले शिखर पान मसाला वालों के यहां और ट्रांसपोर्टर के यहां छापा मारा। यहां से पीयूष जैन के नाम से कई फर्जी बिल मिले। बस यहीं से पीयूष टीम के निशाने पर आ गया। कन्नौज में कार्रवाई के दौरान उसके घर से मिली डायरी ने भी तीनों को घेरने का काम किया। डायरी में इन दोनों के नाम के साथ ही उनसे लेनदेन, माल सप्लाई आदि का भी जिक्र है। सूत्रों के अनुसार गुजरात में पकड़े गए ट्रकों के बाद पता चला था कि माल लिखा पढ़ी में कहीं और दिखाया जाता था और असल में जाता कहीं और था।

इसके बाद से डीजीजीआई की टीम ने निगरानी शुरू कर दी। पूरे सुबूत जुटाने के बाद कार्रवाई की। हालांकि इतने बड़े पैमाने पर कैश मिलने से अफसर भी हैरान हैं। जांच में पता चला कि ज्यादातर कारोबार कैश में किया जाता था। अलग-अलग स्थानों पर जाने वाले माल में कमीशन भी लिया जाता था। हर दिन दिन बड़ी संख्या में ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग दिखाई जाती थी। ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन पर और उनके गुर्गों पर अगस्त में स्टेट जीएसटी अफसरों के ऊपर फायरिंग करके सुपाड़ी लदा ट्रक छुड़ाने का आरोप लगा था। स्टेट जीएसटी के अफसरों ने फतेहपुर में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।

जीएसटी-आयकर अफसरों ने किया सहयोग

डीजीजीआई की कार्रवाई में आयकर, जीएसटी, कस्टम के अफसरों ने भी सहयोग किया। हालांकि अभी तक आयकर ने जांच नहीं शुरू की है। डीजीजीआई की कार्रवाई खत्म होने के बाद आयकर और ईडी इसकी जांच शुरू कर सकते हैं।

25 बक्सों में रकम भरकर भेजी गई एसबीआई
डीजीजीआई के अफसरों के कहने पर एसबीआई के अफसरों ने रुपये गिनने में मदद की। 17 मशीनों से रुपये गिने जा रहे हैं। रुपयों को रखने के लिए 80 स्टील के बक्से मंगाए गए और 1200 रुपये भाड़े में एक कंटेनर मंगाया गया था। इसकी मदद से बक्सों में कैश एसबीआई में जमा कराया गया है।

जांच के बाद पता चलेगा कारोबार दायरा
150 करोड़ से ज्यादा कैश मिलने के बाद इत्र कारोबारी, शिखर पान मसाला के मालिकों और ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन पर और शिकंजा कस सकता है। इत्र कारोबारी का विदेश तक कारोबार फैला है। ऐसे में जांच का दायरा बढ़ने की संभावना है। आयकर और ईडी की जांच शुरू होने पर विदेशी लेन-देन, बैंक लॉकरों, संपत्तियों का खुलासा हो सकेगा। एक समय में शिखर पान मसाला का शहर में बड़ा काम था। काम बढ़ने के बाद नोएडा में शिफ्ट हो गया लेकिन अभी भी शहर में बड़े स्तर पर कारोबार किया जा रहा है।

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