फैसला: रिश्वत लेने वाले राजस्व निरीक्षक, पटवारी समेत तीन को चार वर्ष कठोर कैद
दुर्ग। जमीन सीमांकन के लिए रिश्वत मांगना राजस्व निरीक्षक और पटवारी को भारी पड़ गया। पीडि़त की शिकायत के बाद तीन आरोपियों को कोर्ट ने चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। घटना साल 2017 की है। दुर्ग जिले के उप तहसील कार्यालय अहिवारा में पदस्थ राजस्व निरीक्षक और पटवारी ने पीडि़त से तीस हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। जिसके बाद आरोपी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज कराई थी। आरोपी पटवारी और राजस्व निरीक्षक को एसीबी ने रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा था।
कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सुनाई सजा
विशेष न्यायाधीश(भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) डॉ. प्रज्ञा पचौरी की कोर्ट ने अहिवारा उप तहसील कार्यालय के राजस्व निरीक्षक आरोपी अनिल कुमार बावनगडे और आरोपी गुलशन कुमार चोपड़ा पटवारी निवासी ग्राम सिरसा कला बाजार चौक को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, धारा 13(1)( डी) सह पठित धारा 13(2) एवं धारा 120( बी) के तहत 4- 4- 4 वर्ष के कठोर कारावास तथा दो-दो-एक हजार रुपए अर्थ दंड की सजा दी है। वहीं आरोपी नरेश कुमार कुर्रे को 120( बी) के तहत 4 वर्ष कठोर कारावास तथा 1000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।
जमीन के सीमांकन के लिए भटक रहा था पीडि़त
विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि राजकिशोर बेहरा को जमीन का सीमांकन करवाना था। इसके लिए 29 मई 2017 एवं उससे पूर्व उप तहसील कार्यालय अहिवारा में पदस्थ राजस्व निरीक्षक आरोपी अनिल कुमार बावनगढ़ तथा ग्राम अहेरी में पटवारी के पद पर कार्यरत आरोपी गुलशन कुमार चोपड़ा ने 30 हजार रुपए की मांग की थी। दोनों आरोपियों ने तीसरे आरोपी नरेश कुमार कुर्रे के जरिए 12 हजार रुपए ले लिया था। इसकी शिकायत बेहरा ने की थी।