खाद्य मंत्री धान खरीदी केंद्रों का किया निरीक्षण, 6 समिति प्रबंधकों निलंबित
रायपुर। बरसात से खुले में रखा धान खराब होने के बाद खाद्य मंत्री और वरिष्ठ अफसरों की नाराजगी की गाज समिति प्रबंधकों पर गिरी है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की नाराजगी के बाद प्रशासन ने रायपुर जिले में ही 6 समिति प्रबंधकों को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई की जद में मंदिर हसौद, दोंदेकला, बंगोली, नारा, जरौद और सरोरा समितियों के प्रबंधक आए हैं। मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने बुधवार को रायपुर जिले के धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया। वे मंदिर हसौद, जरौद और नारा स्थित खरीदी केंद्रों को देखने पहुंचे थे। मंदिर हसौद में तो समिति प्रबंधक ही मौजूद नहीं थे। वहीं बरसात से धान को बचाने का पर्याप्त इंतजाम भी नहीं था। कुछ दूसरे केंद्रों पर धान के बोरे सिले हुए भी नहीं थे। इससे नाराज मंत्री ने रायपुर कलेक्टर, खाद्य विभाग और मार्कफेड के वरिष्ठ अधिकारियों से जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई का निर्देश दिया था। बाद में रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने भी धान खरीदी और संग्रहण केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान दोंदेकला और बंगोली केंद्रों में धान की सुरक्षा में लापरवाही पाई।
सरोरा धान खरीदी केंद्र में भी ऐसी ही लापरवाही मिली। बाद में सभी 6 केंद्रों के प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश हुआ। रायपुर में सहकारी संस्थाओं के उप पंजीयक, एन.आर.के. चंद्रवंशी ने बताया ,कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने के आरोप में दोंदेकला के प्रभारी समिति प्रबंधक किशन लाल सोनवानी, बंगोली के मुकेश वर्मा, मंदिर हसौद के शिव पटेल, जरौद के विश्वजीत विश्वास, नारा के अशोक साहू और सरोरा के परमेश्वर प्रसाद शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम, नियम एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति कर्मचारी सेवा नियम के तहत की गई है।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को गलत जानकारी देकर गुमराह करने के आरोप में मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। यह नोटिस मार्कफेड के महाप्रबंधक ने जारी किया है। कहा गया है कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कार्रवाई होगी। प्रदेश भर में मंगलवार से हो रही बरसात और ओलावृष्टि को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को नए निर्देश जारी किए। उन्होंने बरसात से हुए नुकसान का आकलन करने और खरीदी और संग्रहण केंद्रों में रखे धान को भीगने से बचाने का उपाय करने को कहा था। उसके बाद जिलों के विभिन्न श्रेणी के अफसर सक्रिय हुए। खरीदी और संग्रहण केंद्रों में पहुंचकर धान पर कैप कवर लगवाया। पानी के निकासी की व्यवस्था आदि कराई।