SECL अफसर के SBI बैंक के लॉकर से 10 लाख रुपए के गहने गायब

बिलासपुर। SECL अफसर के SBI बैंक के लॉकर से 10 लाख रुपए के गहने गायब हो गए हैं। अफसर जब मंगलवार को अपनी पत्नी के साथ डेली यूज के गहने लॉकर में रखने के लिए पहुंचे तो उन्हें इसका पता चला। इससे पहले अफसर ने अपने बेटे की शादी में बैंक का लॉकर खोला था। तब उन्होंने गिफ्ट में मिली ज्वेलरी के साथ ही पत्नी के गहनों को लॉकर में रखा था। इस बात को 19 महीने बीत चुके हैं। फिलहाल मामले की शिकायत सरकंडा थाने में की गई है। सीपत रोड शकुंतला हाईट्स निवासी दिनेश पांडेय (56) SECL में ऑफिस सुपरिटेंडेंट (OS) हैं। उनका SBI की SECL ब्रांच में अकाउंट है। उसमें साल 2009 में उन्होंने एक लॉकर भी लिया। बैंक ने उन्हें लॉकर नंबर 6/54 अलॉट किया। उसमें उन्होंने पत्नी के पुराने गहने और बेटी की शादी के लिए खरीदी गई नई ज्वेलरी रखी थी। इसके बाद 30 अप्रैल 2020 को उनके बेटे की शादी हुई तो गिफ्ट में मिली ज्वेलरी भी लॉकर में रख दी। इसके बाद से लॉकर नहीं खोला।

मंगलवार सुबह उन्हें पुणे जाना था और उनकी पत्नी को बेटी से मिलने बेंगलुरु जाना था। ऐसे में वह दोपहर में पत्नी के कुछ और गहने लॉकर में रखने के लिए बैंक पहुंचे। बैंक मैनेजर ने एक चाबी प्यून से मंगवाई और दूसरी उनके ही पास थी। प्यून ने बैंक की चाबी लॉकर में लगाई और चला गया। इसके बाद दिनेश पांडेय ने अपनी चाबी से लॉकर खोला तो अंदर रखे सारे गहने गायब थे। इस पर अफसर ने ब्रांच मैनेजर को बुलाया और जेवरों के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार कर दिया। SECL अफसर दिनेश पांडेय ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार 30 अप्रैल 2020 को लॉकर खोला था। उस समय वे जयपुर से लौटे थे और उसमें जेवर रखकर चले गए थे। लॉकर के भीतर उनकी पत्नी के पुराने और बेटी की शादी के लिए खरीदे नए जेवर सहित करीब 10 लाख रुपए के गहनों के साथ ही कुछ जरूरी पेपर भी रखे थे। भगवान का एक फोटो भी रखते थे जो गायब है। उनका कहना था कि लॉकर का किराया दे रहे हैं तो बैंक की जवाबदारी तो बनती है।

TI बोले रजिस्टर और CCTV देखेंगे
TI परिवेश तिवारी का कहना है कि SECL अफसर ने इस मामले की शिकायत की है। उनकी शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान बैंक जाकर रजिस्टर और CCTV फुटेज चेक किया जाएगा। इसके बाद FIR दर्ज की जाएगी।

बैंक मैनेजर बोले- लॉकर टूटता तो हमारी जिम्मेदारी
बैंक मैनेजर राजेश रंजन का कहना है कि बैंक लॉकर हमेशा दो चाबी से खुलता है। लॉकर उपयोग करने वाला उसमें क्या रखता है या निकालता है यह बैंक को भी पता रहता। ऐसे में बैंक की कोई जवाबदारी नहीं है। बैंक में 650 लॉकर है। बैंक लॉकर टूटता या डैमेज होता और फिर आइटम गायब होते तो हमारी जवाबदारी होती।